scorecardresearch
 

राष्ट्रपति चुनाव: यशवंत सिन्हा बोले- मेरा बेटा राजधर्म का और मैं राष्ट्रधर्म का पालन कर रहा हूं

Presidential Election: 21 जून को सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बैठक के दौरान विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा की थी. सिन्हा ने 2018 में भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी, जिसके बाद वो पिछले साल टीएमसी में शामिल हुए थे.

Advertisement
X
विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो)
विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं यशवंत सिन्हा
  • बेटा जयंत सिन्हा बीजेपी से सांसद हैं
  • 18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव

Presidential Election 2022: विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को दिल्ली में संसद में अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ विपक्ष के तमाम बड़े नेता भी मौजूद रहे. जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता और तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद थे.

Advertisement

नामांकन के बाद दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि मैं विपक्ष की चौथी पसंद हूं. इससे मुझे कोई दिक्कत नहीं है. अगर मैं 10वां भी होता तो भी स्वीकार करता. यह एक बहुत बड़ी लड़ाई है, जिसमें मेरा छोटा सा भी योगदान जरुरी हो तो मैं तत्पर रहूंगा.

क्लिक करें: यशवंत सिन्हा ने भरा नामांकन, राहुल गांधी बोले- ये विचारधारा की लड़ाई
 
उन्होंने कहा कि ये दो व्यक्तियों की लड़ाई नहीं है. राष्ट्रपति भवन में वही व्यक्ति जाए जो इस पद की जिम्मेदारी को निभा सके. अगर कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर बैठा जो सरकार के कब्जे में हो, तो  इस पद का कोई फायदा नहीं बचेगा. यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि राष्ट्रपति केवल रबर स्टाम्प बन कर रह गए हैं. 

'नई बिल्डिंग बनाने से नहीं आएगी नई जान' 

Advertisement

उन्होंने कहा कि जब मैं संसद में था, विपक्ष में होते हुए भी वित्त मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी में था. प्रणब दा, चिदंबरम जी और गुजरात के डेलिगेशन ने GST का विरोध किया गया था. इस दौरान पीएम मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे. आज पार्लियामेंट को पंगु कर दिया गया है. वहीं सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर उन्होंने कहा कि नई बिल्डिंग बनाने से पार्लियामेंट में नई जान नहीं आएगी, उसकी गरिमा नहीं बढ़ेगी.

'नोटबंदी सबसे बड़ा स्कैम'

उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि हम ही जीतेंगे, क्यों हम सच के साथ हैं. हम किसी ग़लत कदम का सहारा नहीं ले रहे हैं. इसके अलावा नोटबंदी पर बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि 2016 में नोटबंदी हुई, आज कहीं चर्चा होती है? आज तो आरबीआई ने डाटा देना ही बंद कर दिया है. मुझे जानकारी नहीं है कितना कला धन वापस आ गया है. उन्होंने नोटबंदी को इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम भी बताया.

क्लिक करें: यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार! क्यों कहा जाता था मिस्टर यू-टर्न
 

'बेटा राजधर्म का पालन करेगा' 

यशवंत सिन्हा ने अपने बेटे जयंत सिन्हा के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा का समर्थन नहीं मिलने को लेकर किसी धर्म संकट में नहीं हैं. वह राज धर्म का पालन करता है... मैं राष्ट्र धर्म का पालन करूंगा. 

Advertisement

28 जून से अभियान की शुरुआत 

यशवंत सिन्हा ने बताया कि वो 28 जून से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे. उनका अभियान तमिलनाडु के चेन्नई से शुरू होने की संभावना है. वो पहले दक्षिण के राज्यों में समर्थन मांगेंगे, उसके बाद ही उत्तर के राज्यों में आएंगे.

बता दें क़ एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून को चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है.


ये भी पढ़ें:

 

Advertisement
Advertisement