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भारत-बांग्लादेश के बीच शुरू हुई पहली क्रॉस-बॉर्डर एनर्जी पाइपलाइन, जानें क्या है खासियत

प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञपति के अनुसार यह भारत और बांग्लादेश के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर ऊर्जा पाइपलाइन है, जिसे 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया गया है. इसमें से पाइपलाइन के बांग्लादेश वाले हिस्से को लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गया है.

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बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और पीएम मोदी (File Photo)
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और पीएम मोदी (File Photo)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन, एक सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि यह पाइपलाइन बांग्लादेश के विकास को और गति देगी और दोनों देशों के बीच बढ़ती कनेक्टिविटी का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी.'

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प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञपति के अनुसार यह भारत और बांग्लादेश के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर ऊर्जा पाइपलाइन है, जिसे 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया गया है. इसमें से पाइपलाइन के बांग्लादेश वाले हिस्से को लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गया है. ये रकम अनुदान सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा वहन की गई है. 

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत-बांग्लादेश संबंधों में आज एक नए अध्याय की शुरूआत हुई है. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की नींव हमने सितंबर 2018 में रखी थी. और मुझे ख़ुशी है कि आज प्रधानमंत्री शेख हसीना जी के साथ इसका उद्घाटन करने का अवसर आ गया. मुझे विश्वास है कि यह पाइपलाइन बांग्लादेश के विकास को और गति देगी, और दोनों देशों के बीच बढ़ती कनेक्टिविटी का भी उत्कृष्ट उदाहरण रहेगी.

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पीएम ने कहा कि इसी का परिणाम है कि कोविड महामारी के दौरान हमें रेल नेटवर्क के द्वारा बांग्लादेश को ऑक्सीजन आदि भेजने में सुविधा रही. उनके इस दूरदृष्टि भरे विज़न के लिए मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना जी का ह्रदय से अभिनंदन करता हूं. मुझे याद है कि कई वर्षों पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने 1965 से पहले की रेल कनेक्टिविटी बहाल करने के अपने विज़न के बारे में चर्चा की थी.
और उसी समय से दोनों देशों ने मिल कर इस पर बहुत प्रगति की है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि कितना शुभ संयोग है कि आज का यह उद्घाटन, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म जयंती के एक दिन बाद हो रहा है. बंगबंधु के ‘शोनार बांग्ला’ विजन में पूरे क्षेत्र का मैत्रीपूर्ण विकास तथा समृद्धि शामिल था। यह संयुक्त प्रोजेक्ट उनके इस विज़न का उत्तम उदाहरण है. इस पाइपलाइन की मदद से उत्तरी पश्चिम बंगाल के जिलों को 1 मिलियन मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीजल उपलब्ध कराया जाएगा. इससे लागत कम होगी और इससे आपूर्ति के कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा.

पाइपलाइन की मुख्य बातें-

- भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की नींव हमने सितंबर 2018 में रखी थी.

- इसे 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया गया है. 
- बांग्लादेश वाले हिस्से को लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गया है. ये रकम भारत सरकार द्वारा वहन की गई है. 
- पाइपलाइन में हाई-स्पीड डीजल (HSD) के 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष के परिवहन की क्षमता है. 

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- भारत सरकार की ओर कहा गया है कि कंपनी शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के 7 जिलों में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति करेगी.
- पाइपलाइन के शुरू होने से भारत से बांग्लादेश तक हाई-स्पीड डीजल परिवहन का एक स्थायी, विश्वसनीय, प्रभावी माध्यम बनेगा. 

- दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग को और बढ़ाएगा. 

- पाइपलाइन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एनआरएल के मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के परबतीपुर शहर में बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के तेल डिपो तक डीजल की सप्लाई करेगी. 

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