प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से द्विपक्षीय वार्ता की. इसके बाद पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत और मिस्र दोनों ही देश दुनियाभर में फैल रहे आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं. हम मानते हैं कि आतंकवाद मानवता की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है. दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.
उन्होंने कहा कि कोविड और इसके बाद यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण प्रभावित हुई फूड और सप्लाई चेन को मजबूत करने को लेकर दोनों देशों ने व्यापक चर्चा की है. दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में 12 बिलियन डॉलर तक ले जाने पर सहमति जताई है.
आतंकवाद विरोधी सुचनाओं को बढ़ाएंगे सहयोग
पीएम ने बताया- हमने आज की बैठक में अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मजबूत करने और आतंकवाद विरोधी संबंधी सूचना एवं इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है.
पीएम ने कहा कि भारत और मिस्र 'रक्षा' और 'सुरक्षा' सुनिश्चित करने के लिए असंख्य तरीके साझा किए हैं. पिछले कुछ वर्षों में हमारे सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास प्रशिक्षण और विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के काफी बढ़ोतरी हुई है.
स्ट्रैटजी पार्टनरशिप से और मजबूत करेंगे रिश्ते
मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने तय किया है कि भारत-इजिप्ट स्ट्रैटजी पार्टनरशिप के तहत हम राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में और अधिक व्यापक सहयोग का लॉन्गटर्म ढांचा विकसित करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सामरिक समन्वय पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि के क्षेत्र में मददगार होगा.
विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताएं हैं भारत और मिस्र
भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से हैं. हमारे बीच कई हजारों वर्षों का नाता रहा है. चार हजार वर्षों से भी पहले गुजरात के लोथल पोर्ट के जरिए मिस्र के साथ व्यापार होता था. उन्होंने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. यह पूरे भारत के लिए सम्मान और हर्ष का विषय है.
पीएम ने कहा कि इस साल भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूप आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है.