शिया इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम प्रिंस करीम अल-हुसैनी आगा खान चतुर्थ चार फरवरी को दुनिया को अलविदा कह गए. उन्होंने लिस्बन में 88 वर्ष की आयु में अपने परिवार के बीच अंतिम सांस ली. प्रिंस करीम आगा खान दुनिया भर में शिक्षा-स्वास्थ्य और ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व वाली इमारतों की सुरक्षा आदि तमाम जिम्मेदारियां निभा रहे आगा खान विकास नेटवर्क के संस्थापक और अध्यक्ष थे.
जल्द ही उनके नामित उत्तराधिकारी की घोषणा की जाएगी. आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क के लीडर्स और कर्मचारियों ने उनके परिवार और दुनिया भर के इस्माइली समुदाय के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. आगा खान ट्रस्ट के सीईओ रितीश नंदा ने कहा कि हम अपने संस्थापक प्रिंस करीम आगा खान की विरासत का सम्मान करते हैं, हम अपने भागीदारों के साथ मिलकर दुनिया भर में व्यक्तियों और समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए काम करना जारी रखेंगे. जैसा कि उन्होंने चाहा था, चाहे उनकी धार्मिक संबद्धता या मूल कुछ भी हो.
मुहम्मद साहब के वंशज जो दुनिया को दे गए मानवता का संदेश
प्रिंस करीम अल-हुसैनी आगा खान चतुर्थ दुनिया भर में फैले लाखों शिया इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता थे. वो महज 20 साल की उम्र में इस्माइली मुसलमानों के 49वें इमाम और आध्यात्मिक नेता बनाए गए थे. उन्होंने अपना सारा जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित करते हुए सभी को मानवता का संदेश दिया.
पद्म विभूषण सम्मान से नवाजे गए
आगा खान चतुर्थ को हिंदुस्तान की सरकार ने पद्म विभूषण से नवाजा गया था. वहीं ब्रिटिश सरकार ने उन्हें His Highness की उपाधि दी थी. उनके द्वारा स्थापित आगा खान नेटवर्क दुनिया भर के 30 देशों में काम करता है जिसमें एक लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं. यह दुनिया सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं में से एक है. आगा खान ट्रस्ट ने हुमायूं का किला, सुंदर नर्सरी समेत दिल्ली के 60 स्मारक ठीक किए. हैदराबाद के करीब सौ स्मारक ठीक किए हैं.
सरकार को गिफ्ट कर दिया था अपने पिता का पैलेस
रतिश नंदा बताते हैं कि हिंदुस्तान की आजादी की 25वीं सालगिरह पर प्रिंस करीम आगा खान चतुर्थ ने सरकार को हैदराबाद स्थित अपने पिता का पैलेस गिफ्ट किया था. यह वही पैलेस था जहां कभी महात्मा गांधी को नजर कैद रखा गया था. फिर 50वीं सालगिरह पर उन्होंने हिन्दुस्तान सरकार को हुमायूं का किला का गार्डेन रेस्टोरेशन गिफ्ट किया था. इसके बाद आजादी की 75वीं सालगिरह पर हुमायूं का किला का म्यूजियम बना था. साल 2018 में भी वो सुंदर नर्सरी के उद्घाटन पर भारत आए थे. वो बीते 20 सालों में करीब दस बार भारत आ चुके हैं.