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Parliament: LED स्टैंड पर चढ़े, मार्शलों का गला पकड़ा... जानिए 12 निलंबित सांसदों पर क्या-क्या आरोप

राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. इन सांसदों पर मॉनसून सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने का आरोप है. सरकार की ओर से एक चार्जशीट भी दायर की गई है जिसमें सांसदों को निलंबित करने का कारण बताया गया है.

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11 अगस्त को राज्यसभा में हुआ था जबरदस्त हंगामा. (फाइल फोटो-PTI)
11 अगस्त को राज्यसभा में हुआ था जबरदस्त हंगामा. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 11 अगस्त की घटना पर हुई कार्रवाई
  • राज्यसभा में हुआ था जबरदस्त हंगामा

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा से 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया. इन सांसदों को मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने के मामले में निलंबित किया गया है.

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11 अगस्त को इंश्योरेंस बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ था. बवाल इतना बढ़ गया था कि मार्शलों को बुलाना पड़ गया था. उस हंगामे को लेकर सरकार और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे. जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई और शिवसेना के सांसद शामिल हैं. इनमें से किसी सांसद पर कागज फाड़ने तो किसी पर टीवी स्क्रीन तोड़ने के आरोप हैं. 

सांसदों को क्यों निलंबित किया गया? पढ़ें- क्या आरोप ?

- टीएमसी की डोला सेन ने कपड़े या स्कार्फ से एक फांसी का फंदा बनाया और उसे अपनी सहयोगी सांसद शांता छेत्री के गले पर बांध दिया. फांसी का फंदा गले में डालकर दोनों ने नारेबाजी की. शांता छेत्री और डोला सेन ऐसा करते हुए वेल तक पहुंचीं.

- डोला सेन पर संसदीय कार्य मंत्री और सदन के नेता का रास्ता रोकने का आरोप है जब वो राज्यसभा के सभापति के चैंबर में जा रहे थे. डोला सेन ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी की. उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने संसद की सिक्योरिटी स्टाफ की एक महिला को धक्का दिया और उनके साथ बहस की. 

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- कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम ने कागज फाड़े और राज्यसभा के महासचिव की टेबल की ओर फेंके. कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने भी कागज फाड़े और उसे राज्यसभा की सभापति की ओर फेंके. फूलो देवी और छाया वर्मा ने महिला मार्शल के साथ बदसलूकी की और उसे वेल तक लेकर आईं.

ये भी पढ़ें-- संसद सत्र: वापस हो सकता है 12 सांसदों का निलंबन, अपने बर्ताव के लिए मांगनी होगी माफी

- सीपीआई सांसद बिनय विश्वम और एलामराम करीम, कांग्रेस सांसद राजामणि पटेल और शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने एक-दूसरे से पेपर या फोल्डर छीना. ये पेपर टेबल पर रखे जाने थे.

- कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रताप सिंह पर वीडियो रिकॉर्डिंग करने का आरोप है. उन्होंने ये वीडियो तब रिकॉर्ड किया था जब सिक्योरिटी स्टाफ वहां पहुंच गए थे.

- कांग्रेस के नासिर हुसैन और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी पर कागज फाड़कर उसे सदन के पटल पर फेंकने का आरोप लगा है. नासिर हुसैन ने पहले शिवसेना सांसद संजय राउत को सिक्योरिटी स्टाफ की ओर धकेला और फिर उन्हें खींच लिया. इसमें एलामराम करीम, रिपुन बोरा, बिनय विश्वम और अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी साथ दिया.

- कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा सभापति की कुर्सी के बाईं ओर लगीं LED TV के स्टैंड पर चढ़ गए थे.

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- एलामराम करीम सिक्योरिटी स्टाफ के एक पुरुष मार्शल का गला पकड़ा और उन्हें घसीटा.

- नासिर हुसैन और एलामराम करीम ने पुरुष मार्शल के कंधे को पकड़ा जो महिला मार्शल को बचाने की कोशिश कर रहा था.

संसदीय कार्य मंत्री ने राज्यसभा के सभापति से की थी मांग

11 अगस्त की घटना पर सांसदों के निलंबन की मांग को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने कहा था कि मॉनसून सत्र संसदीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे 'शर्मनाक' और 'निंदनीय' था. सांसदों के निलंबन पर जोशी ने कहा कि इससे न सिर्फ भविष्य में होने वाली ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी बल्कि संसद की विश्वसनीयता भी बहाल होगी. 

सरकार से जुड़े सूत्रों ने आजतक को बताया कि वीडियो फुटेज और सिक्योरिटी स्टाफ की ओर से मिली लिखित शिकायत के आधार पर सांसदों को निलंबित किया गया है. इन सांसदों को रूल बुल के नियम 256 के तहत निलंबित किया गया है.

 

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