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18वीं लोकसभा के सांसदों को मिला घर... जानें प्रियंका, कंगना और यूसुफ पठान को किस टाइप का मिला बंगला?

लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 18वीं लोकसभा के सभी सांसदों को बंगले आवंटित कर दिए हैं. नए, महिला और सेलेब्रिटी सांसदों को सुरक्षा के आधार पर घर मिले हैं, जबकि वरिष्ठ सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी बंगले आवंटित किए गए हैं.

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दिल्ली में MP बंगला.
दिल्ली में MP बंगला.

लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 18वीं लोकसभा के सभी सांसदों को सरकारी आवास आवंटित कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक इस बार 282 नए सांसदों को टाइप-5 बंगले आवंटित किए गए हैं. ये बंगले साउथ एवेन्यू, नॉर्थ एवेन्यू, मीना बाग और अन्य प्रमुख इलाकों में स्थित हैं. आपको बता दें कि 17वीं लोकसभा में 158 नए सांसदों को घर मिले थे.  

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सूत्रों ने बताया कि दूसरी और तीसरी बार सांसद बने नेताओं को टाइप-6 बंगले आवंटित किए गए हैं. वहीं, चौथी, पांचवीं और छठी बार सांसद बनने वालों को लुटियंस दिल्ली में टाइप-7 बंगले दिए गए हैं. हाउसिंग कमेटी के सूत्रों ने बताया कि 8 बार सांसद बने चार नेताओं को टाइप-8 बंगले आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा, 9 पूर्व मुख्यमंत्री जो अब सांसद हैं, उन्हें भी टाइप-8 बंगले दिए गए हैं.  

कुछ नए सांसदों को टाइप-6 बंगला
  
सूत्रों ने बताया कि 15 नए सांसद, जिन्हें टाइप-5 बंगला मिलना चाहिए था, उन्हें टाइप-6 बंगले आवंटित किए गए हैं. इनमें महिला सांसद, दिल्ली-एनसीआर के सांसद और कुछ सेलेब्रिटी सांसद शामिल हैं. यह फैसला सुरक्षा के दृष्टिकोण से लिया गया है.  

सूत्रों के अनुसार, पहली बार सांसद बनीं प्रियंका गांधी, कंगना रनौत, बांसुरी स्वराज, कमलजीत सहरावत, अरुण गोविल और यूसुफ पठान को टाइप-6 बंगले आवंटित किए गए हैं.  एनसीपी सांसद सुनेत्रा पवार, जो टाइप-6 बंगला के लिए एलिजिबल थीं, उन्हें जनपथ रोड पर टाइप-7 बंगला आवंटित किया गया है. यह आवंटन न तो लोकसभा से है और न ही राज्यसभा से. यह बंगला केंद्रीय पूल से आवंटित किया गया है, जहां आवंटन सरकार के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है.  

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टाइप 8 बंगला 

टाइप 8 बंगला, सबसे उच्च श्रेणी का माना जाता है. यह लगभग तीन एकड़ (थोड़ा कम-ज्यादा भी) का होता है. इन बंगलों की मुख्य बिल्डिंग में 8 कमरे (5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 बड़ा डाइनिंग रूम और एक स्टडी रूम) होते हैं. इसके अलावा कैम्पस में एक बैठकखाना और बैकसाइड (कैम्पस के अंदर ) में एक सर्वेन्ट क्वार्टर भी होता है. आम तौर पर टाइप 8 बंगला कैबिनेट मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, पूर्व प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति (अथवा इनके जीवित पत्नी/पति) और वरिष्ठतम नेताओं को आवंटित किया जाता है. टाइप 8 बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, कृष्णमेनन मार्ग, अकबर रोड, सफदरजंग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर हैं. 

टाइप 7 बंगला 

टाइप 7 बंगला का रकबा एक से डेढ़ एकड़ के बीच होता है. इसमें टाइप 8 बंगलों की तुलना में एक बेडरूम कम ( 4 बेडरूम) होता है. ऐसे बंगले अशोका रोड, लोधी इस्टेट, कुशक रोड, कैनिंग लेन, तुगलक लेन आदि में हैं. इस प्रकार के बंगले अक्सर राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों, कम से कम पांच मर्तबा सांसद रहे व्यक्तियों को आवंटित होता है. राहुल गांधी जिस तुगलक लेन के बंगले में रहते हैं, वह टाइप 7 ही है.

नए सांसदों को टाइप-5 बंगला मिलता है 

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पहली बार सांसद बनने वाले लोगों को आम तौर पर टाइप-5 आवास मिलता है. हालांकि नई शर्तों के मुताबिक, उन्हें टाइप-6 आवास भी मिल सकता है. इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें तय करनी पड़ती है. 

टाइप फाइव निवास में चार श्रेणियां हैं. टाइप फाइव (ए) के तहत एक ड्राइंग रूम और एक बेडरूम सेट आवंटित किया जाता है. वहीं टाइप फाइव (बी) में एक ड्राइंग रूम और दो बेडरूम सेट मिलता है. जबकि टाइप फाइव (सी) में ड्राइंग रूम और तीन बेडरूम सेट दिया जाता है. वहीं टाइप फाइव (डी) में ड्राइंग रूम और चार बेडरूम सेट मिलता है. हाफ सेंचुरी से एक कदम दूर सोना, जानें- कितने दिन में रेट हो गया डबल सांसदों के रहने के लिए संयुक्त फ्लैट टाइप फाइव (ए/ए), संयुक्त फ्लैट टाइप फाइव (ए/बी) और संयुक्त फ्लैट टाइप फाइव (बी/बी) भी उपलब्ध हैं.

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