भारत मंडपम में हुए जी20 के आयोजन की देश ही नहीं, दुनियाभर में जमकर तारीफें हुईं. देश के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर में खूबसूरती देखते ही बनती है. जी20 को लेकर इसे दुल्हन की तरह सजाया गया था. इस सबके बीच भारत मंडपम की देखरेख करने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने मंगलवार को वेतन न दिए जाने का आरोप लगाते हुए प्रगति मैदान के बाहर प्रदर्शन किया.
दरअसल, भारत मंडपम में जी20 के दौरान तैयारियां करने और देखरेख के लिए प्रिस्टिन यूटिलिटीज नामक कंपनी ने करीब 250 लोगों को काम पर रखा गया था. उनका आरोप है अब कंपनी उन्हें उनका वेतन नहीं दे रही है. प्रगति मैदान पर प्रदर्शन करने पहुंचे कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी ने उनसे कहा था कि उन्हें प्रति माह 16,000 का भुगतान किया जाएगा, लेकिन कई को केवल 2500 रुपये के आसपास ही मिले.
प्रदर्शन कर रहे उमाशंकर ने बताया कि मैं यहां 16 अगस्त को आया था. हम लोगों ने यहां 8 से लेकर 12 घंटे तक काम किया. इन्होंने पहले तो हमें काम से निकाल दिया और अब सैलरी नहीं दे रहे हैं. हम लोगों ने जब लगातार सैलरी मांगी तो मुझे सिर्फ 2700 रुपये दिए गए. वहीं कई साथियों को 2 हजार रुपये तक ही मिले हैं. हम जैसे 200-250 लोग हैं, जो यहां काम कर रहे थे. हम लोगों को अब अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हमने जी20 में तीन दिन लगातार ड्यूटी की है. भूखे-प्यासे रहते हुए हमने काम किया. अब हमें पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. मकान का किराया नहीं दे पाए तो मकान मालिक ने घर से निकाल दिया. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. कोई हमारी बात नहीं सुन रहा है.
कितना भव्य है भारत मंडपम?
प्रगति मैदान को रीडेवलप करने का काम 2017 में शुरू हुआ था. इसे नेशनल प्रोजेक्ट के तहत डेवलप किया गया है. इस पर 2,700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. भारत मंडपम के हर फ्लोर, हर रूम और हर जगह पर भारतीय संस्कृति और परंपरा की छाप दिखाई पड़ती है. ये पूरा कन्वेंशन सेंटर 123 एकड़ में फैला हुआ है. ये एरिया कितना बड़ा है, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि ये फुटबॉल के 26 स्टेडियम के बराबर है.
इसमें सात नए एग्जिबिशन हॉल बनाए गए हैं. इसके थर्ड फ्लोर पर एक बड़ा हॉल है, जिसमें सात हजार लोग एकसाथ बैठ सकते हैं. ये ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस से भी बड़ा है. इसके अलावा इसमें तीन ओपन एम्फीथिएटर भी बने हैं. इन एम्फीथिएटर में एक बार में तीन हजार लोग बैठ सकते हैं.