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पुडुचेरी के प्रसिद्ध मनकुला मंंदिर में 'लक्ष्मी' की मौत पर क्यों फूट-फूटकर रोए लोग

जब हथिनी लक्ष्मी को महोत में मॉर्निंग वाक के लिए ले जाया गया तो वह रास्ते में अचानक मूर्छित हो गई. आनन फानन में पशु चिकित्सकों को बुलाया गया लेकिन वे लक्ष्मी को बचाने में असफल रहे. लक्ष्मी की मौत की खबर सुनते ही भारी मन और आंखों में आसुओं के साथ उसे अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे.

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हथिनी लक्ष्मी
हथिनी लक्ष्मी

पुडुचेरी के मनकुला विनायगर मंदिर की काफी प्रसिद्ध हथिनी लक्ष्मी की मौत हो गई है. बुधवार को सुबह टहलने निकली लक्ष्मी के अचानक मूर्छित होने के बाद मौत हो गई. लक्ष्मी की मौत से क्षेत्र के लोग शोक में डूब गए हैं. 1995 में 5 साल की उम्र में मनकुला विनायगर मंदिर लाई गई लक्ष्मी को मंदिर के भक्तों से खूब प्यार मिलता रहा है. लक्ष्मी का शांत और सज्जन स्वभाव भक्तों को उसकी ओर आकर्षित करता था.

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आज जब लक्ष्मी को महोत में मॉर्निंग वाक के लिए ले जाया गया तो वह रास्ते में अचानक मूर्छित हो गई. आनन फानन में पशु चिकित्सकों को बुलाया गया लेकिन वे लक्ष्मी को बचाने में असफल रहे. लक्ष्मी की मौत की खबर सुनते ही भारी मन और आंखों में आसुओं के साथ उसे अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे.

लक्ष्मी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लक्ष्मी के मरने के बाद सामने आए वीडियो में हजारों की भीड़ उसके शव को घेरे दिखाई पड़ रही है.  लक्ष्मी के शव को क्रेन से उठाने की कोशिश की जा रही है और लोगों ने उसके शव पर फूल रखे हुए हैं.

Ganesh Idol

गौरतलब है कि मनकुला विनायगर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां स्थित भगवान गणेश की प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंका गया। लेकिन प्रतिमा उस स्थान पर पुन: प्रकट हो जाती थी। इस दिव्य मंदिर की महत्ता का वर्णन पुराणों में भी मिलता है। यहां लक्ष्मी के आने के बाद वह इस मंदिर और इसके भक्तों के साथ परिवार की तरह घुलमिल गई थी. ऐसे में उसकी मौत को लेकर लोगों का भावुक होना स्वाभाविक है.

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