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रात 10 बजे ताले खुले, फिर शुद्धिकरण और आरती... जानिए, 30 साल बाद ज्ञानवापी में पूजा की पूरी कहानी

ज्ञानवापी में व्यास तहखाने को बुधवार दोपहर 3 बजे वाराणसी कोर्ट ने आदेश दिया और इसके कुछ ही घंटों बाद रात 12 बजे से 12:30 के बीच में तहखाने को खोलकर पूजा-पाठ किया गया. पूजा से पहले बुधवार को रात में करीब 12 बजे पंचगव्य से पूरे व्यास तहखाना की शुद्धि हुई. षोडशोपचार विधि से पूजन हुआ.

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ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में 30 साल बाद हुई पूूजा
ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में 30 साल बाद हुई पूूजा

1 फरवरी हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी सियासी तारीख में से एक है. आज से 38 साल पहले राम मंदिर का ताला खोला गया था. इसके बाद देश की राजनीति हमेशा-हमेशा के लिए बदल गई. ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष 31 जनवरी 2024 को ऐसी ही तारीख मानता है. जो देशभर में तोड़े गए हिंदू मंदिरों को लेकर ऐतिहासिक साबित होगी. वाराणसी में कल दोपहर ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार मिला और 8 घंटे के अंदर पूजा हो गई, पूरे 30 साल बाद तहखाने में आरती हुई. 

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काशी में गूंजा, हर-हर महादेव
इसकी तस्वीरें और वीडियो भी सामने आईं तो श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया. हर ओर हर-हर महादेव के जयकारे गूंज उठे. 30 साल बाद ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा की इस तस्वीर को शिवभक्त बड़ी जीत बता रहे हैं. जिसमें इतने सालों बाद दीप जला. ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में आरती होते ही आधी रात को काशी में बम बम भोले के जयकारे लगने लगे. 

आधी रात को संपन्न हुई पूजा की विधि
ज्ञानवापी में व्यास तहखाने को बुधवार दोपहर 3 बजे वाराणसी कोर्ट ने आदेश दिया और इसके कुछ ही घंटों बाद रात 12 बजे से 12:30 के बीच में तहखाने को खोलकर पूजा-पाठ किया गया. पूजा से पहले बुधवार को रात में करीब 12 बजे पंचगव्य से पूरे व्यास तहखाना की शुद्धि हुई. षोडशोपचार विधि से पूजन हुआ जिसके तहत पहले गंगाजल से तहखाने में मिली मूर्तियों का शुद्धिकरण हुआ और पंचगव्य से स्नान कराया गया इसके बाद देवता महागणपति का आह्वान किया गया फिर सभी विग्रह को चंदन, पुष्प , अक्षत धूप दीप नैवेद्य चढ़ाया गया और आरती की गई. व्यास तहखाने में 2-3 शिवलिंग, हनुमान, गणेश जी की प्रतिमा की पूजा हुई. साथ ही एक देवी मूर्ति को भी पूजा गया और ये पूजन लगभग आधे घंटे तक चला.

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आरती के लिए ये है समय सारिणी
पूरे तीस साल बाद साधु संत और पुजारी की तरह वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिली. अब 30 साल बाद ज्ञानवापी के तहखाने में अदालत के आदेश के बाद 5 बार आरती होगी. सबसे पहले सुबह 3.30 बजे मंगला आरती दोपहर 12 बजे भोग आरती शाम 4 बजे अपराह्न आरती शाम 7 बजे सांयकाल आरती और रात में 10.30 बजे शयन आरती की जाएगी.

श्रद्धालुओं में खुशी की लहर
व्यास तहखाने में पूजा के बाद श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है. अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद वो इसे एक और मील के पत्थर के तौर पर देख रहे हैं. ऐसे ही एक श्रद्धालु ने पूजा को लेकर कहा कि,  आज बहुत अद्भुत दिन है. पहले ही दिन पूजा बड़ी जीत है. हम भी जल्दी पूजा करें. एक श्रद्धालु ने कहा कि, बहुत अच्छा दिन है,योगी जी की मेहरबानी है, नंदी के पास खड़े होकर दर्शन किए. यह बहुत अविस्मरणीय क्षण है. इस तरह मौके पर दर्शन करने पहुंचे एक श्रद्धालु ने कहा कि कितने सालों के लिए वेट कर रहे थे. सबकी इच्छा है दर्शन की. बहुत भावुक क्षण हैं, हमें अपने देव की पूजा का अधिकार मिल रहा है. जल्द आम लोगों को भी पूजा का हक मिले.

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आधी रात को ही पूजा करने पहुंचे भक्त
बुधवार दोपहर को अदालत ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा का हिंदू पक्ष को अधिकार दिया और अदालत के फैसले के कुछ ही घंटों के बाद सारे इंतज़ाम कर लिए गए. ज्ञानवापी पर दिल्ली से काशी तक रातभर हलचल रही. वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद कल रात साढ़े 10 बजे व्यास जी के तहखाने को खोला गया, उसकी साफ सफाई की गई. फिर रात 12 बजे से 12.30 बजे के बीच व्यास जी के तहखाने में पूजा हुई. 30 साल के बाद यहां पूजा हुई, आधी रात को ही भक्त यहां पूजा करने के लिए पहुंच गए.

मुस्लिम पक्ष रात को 3 बजे पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
इधर मुस्लिम पक्ष रात 3 बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद की कानूनी टीम आज सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से संपर्क किया. मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि मुस्लिम पक्ष कानूनी उपाय तलाश सके. गुरुवार सुबह तीन बजे मुस्लिम पक्ष ने रजिस्ट्रार से करीब एक घंटे तक बातचीत की. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को जगाया उनके सामने दस्तावेज रखे. सुबह-सुबह कागजात देखने के बाद सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष से किसी भी तरह की राहत के लिए मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उल्लेख करने को कहा.

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