महाराष्ट्र के पुणे का पोर्श कार हादसा सुर्खियों में बना हुआ है. लग्जरी कार से दो इंजीनियर्स को रौंदने वाले नाबालिग लड़के की रिहाई चर्चा में है. इस मामले में पुणे की एक स्थानीय कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बार और पब ऑपरेटर्स को निर्देश भी दिए हैं.
कोर्ट ने पब और बार ऑपरेटर्स से कहा है कि वे अपने ग्राहकों के लिए शराब परोसने की लिमिट तय करें क्योंकि लोगों को शराब पीने के बाद अपने वाहन चलाकर घर भी लौटना होता है.
कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपियों को 24 मई तक के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है. इससे पहले आरोपियों की पुलिस रिमांड की मांग करते हुए प्रॉसिक्यूटर्स ने कोर्ट से आरोपियों की सात दिनों की हिरासत मांगी थी. प्रॉसिक्यूटर्स ने कोर्ट को बताया कि बार के मालिकों या मैनेजर्स ने आरोपी नाबालिग और उसके दोस्तों की उम्र को दरकिनार कर उन्हें शराब परोसी.
जज ने इस हादसे में दो युवाओं की मौत पर चिंता जताते हुए आरोपियों को सात दिन की रिमांड पर भेज दिया. इस मामले में प्रॉसिक्यूटर्स और बचाव पक्ष के तर्क सुनने के बाद एडिशनल सत्र न्यायालय के जज एसपी पोन्कशे ने कहा कि अगर किसी शख्स ने बहुत शराब पी रखी है और वो नशे में है तो पब या बार में ही उसके रुकने की व्यवस्था की जाए. ऐसे में सड़क पर चलने वाले लोगों को क्या करना चाहिए? जो लोग पब में आए हैं वे पैदल चलकर घर नहीं जाएंगे. वे अपने वाहनों से घर जाएंगे. कहीं न कहीं तो बदलाव करना होगा.
जज ने बार और पब ऑपरेटर्स से लोगों को शराब परोसने की लिमिट तय करने को कहा. आपको तय करना होगा कि कितनी शराब परोसनी है?
क्या है मामला?
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी.
कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था.
नाबालिग पर वयस्क की तरह केस चलने की मांग
इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि नाबालिग आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है. पुलिस कमिश्नर का यह बयान आरोपी नाबालिग को जमानत दिए जाने पर नाराजगी के बीच आया.
उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 304ए (लापरवाही से मौत) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में पुलिस पर किसी दबाव के बारे में पूछे जाने पर पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि पुलिस शुरू से ही कानून के मुताबिक काम कर रही है. पुलिस पर किसी का कोई दबाव नहीं है.