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पुणे: दिव्यांगता के फर्जी सर्टिफिकेट पर हासिल की सरकारी नौकरी, छह इंजीनियरों के खिलाफ शिकायत

पुणे नगर निगम (PMC) के विभिन्न विभागों से जुड़े छह इंजीनियरों (क्लास-1, क्लास-2) द्वारा फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र जमा करने की शिकायत दिव्यांग कल्याण आयुक्तालय के पास दर्ज की गई है. इस मुद्दे ने पहले पुजा खेडकर के मामले की याद दिलाई, जिन्होंने यूपीएससी में प्रवेश के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था.

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फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ शिकायत
फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ शिकायत

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मामले के बाद फर्जी दस्तावेज संबंधित नौकरियों के खुलासा होने का सिलसिला जारी है. अब पुणे नगर निगम के छह इंजीनियरों के खिलाफ दिव्यांग कल्याण आयोग को शिकायत मिली है.

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बताया जा रहा है कि उन्होंने नौकरी पाने के लिए अपनी विकलांगता को लेकर फर्जी सर्टिफिकेट सबमिट किया था. यह मामला तब सामने आया जब दिव्यांग कल्याण विभाग को एक शिकायत मिली और उन्होंने मामले की जांच की.

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छह इंजीनियरों के खिलाफ शिकायत

दिव्यांग कल्याण आयोग (Divyang Commissionerate) के आयुक्त प्रवीण पुरी ने पुणे नगर निगम के आयुक्त राजेंद्र भोसाले को एक चिट्ठी लिखा है, जिसमें इन छह इंजीनियरों की मेडिकल जांच कराने की अपील की गई है. यह चिट्ठी एक महीने पहले भेजी गई थी, लेकिन अब तक PMC द्वारा कोई मेडिकल परीक्षा नहीं कराई गई है.

शिकायत में कहा गया है कि इन इंजीनियरों ने अलग-अलग समय में निगम में शामिल हुए और विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं. PMC की देरी से कार्यवाही ने पारदर्शिता और भर्ती प्रक्रिया में जवाबदेही को सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ा दिया है. संबंधित अधिकारियों ने मामले में तुरंत जांच की मांग की है.

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  • जूनियर इंजीनियर जिन्होंने वर्ष 2022 में नौकरी ज्वाइन की, ने अंधेपन का प्रमाण पत्र जमा कर नौकरी हासिल की.
  • एक शाखा इंजीनियर जिन्होंने 2016-2017 के दौरान नौकरी जॉइन की, ने बहरापन का प्रमाण पत्र देकर नौकरी हासिल की.
  • एक अन्य शाखा इंजीनियर, जिन्होंने 2016-2017 में ही नौकरी जॉइन की और उन्होंने दृष्टिहीनता के आधार पर नौकरी हासिल की.
  • एक अन्य शाखा इंजीनियर जिन्होंने 2016-2017 में नौकरी जॉइन की, उन्हंने निकट दृष्टि (शॉर्ट विजन) के आधार पर नौकरी हासिल की.
  • एक सब-इंजीनियर जिन्होंने वर्ष 2001 में नौकरी जॉइन की, और उन्होंने ऑस्टियोमायलाइटिस का प्रमाण पत्र देकर नौकरी हासिल की.
  • एक अन्य शाखा इंजीनियर जिन्होंने 2007 में नौकरी जॉइन की, ने भी विकलांगता प्रमाण पत्र जमा कर नौकरी हासिल की.
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