पुणे पोर्श कांड में नया अपडेट सामने आया है. रविवार को एक अदालत को बताया गया कि पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय लड़के के माता-पिता ने पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में जाकर उसके ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी. एजेंसी के मुताबिक पुलिस ने यह दावा हादसे से संबंधित सबूतों को नष्ट करने के सिलसिले में दंपति की रिमांड मांगते हुए किया, जिसमें 2 आईटी पेशेवरों की जान चली गई थी. दंपति को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
ब्लड सैंपल स्कैम में शामिल होने की बात पता चलने पर नाबालिग की माता शिवानी अग्रवाल को 1 जून को गिरफ्तार किया गया था. लड़के के पिता और रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल को पहले ही मामले से संबंधित सुबूत नष्ट करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.
नाबालिग के माता-पिता को हॉलिडे कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने आगे की जांच के लिए सात दिन की रिमांड मांगी. पुलिस ने अदालत को बताया कि माता-पिता ने कथित तौर पर साजिश रची और कार दुर्घटना से जुड़े सबूतों को नष्ट कर दिया. पुलिस ने बताया कि अग्रवाल दंपत्ति अपने नाबालिग बेटे के खून के सैंपल में हेराफेरी करने के लिए ससून अस्पताल गए थे, उन्होंने बताया कि नाबालिक के खून के सैंपल को उसकी मां के ब्लड के सैंपल से बदल दिया गया था.
नाबालिग के घर हो सकती है तलाशी
अदालत को बताया गया कि पुलिस ने हॉस्पिटल में उपलब्ध CCTV फुटेज को सुरक्षित कर लिया है, लेकिन यह भी वेरिफाइ करने की जरूरत है कि फुटेज के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई है. पुलिस ने कहा कि उन्हें अग्रवाल के घर की तलाशी लेने की जरूरत है और यह भी जांचने की जरूरत है कि उनके घर पर लगे CCTV फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ तो नहीं की गई है.
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नाबालिग आोरपी के माता-पिता के वकील प्रशांत पाटिल ने दलील दी कि पुलिस ने पहले ही उनके घर की तलाशी ले ली है और CCTV फुटेज बरामद कर ली है. उन्होंने कहा कि दंपत्ति ने जांच में सहयोग किया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए. हालांकि, अदालत ने पुलिस हिरासत मंजूर कर ली.
पाटिल ने दलील दी कि पुलिस ने आरोपी के घर पर लगे CCTV का डीवीआर बरामद कर लिया है. उन्होंने कहा, "यह ध्यान देने वाली बात है कि आरोपियों में से एक महिला है. दोनों (विशाल और शिवानी) सहयोग कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो दोनों व्यक्ति पूछताछ के लिए जब भी बुलाए जाएंगे, उपस्थित होंगे. इसलिए हम पुलिस हिरासत के बजाय न्यायिक हिरासत देने की गुजारिश करते हैं."
पोर्श कांड में दर्ज हुए 3 केस
पुलिस ने तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से एक हादसे के लिए, दूसरा उस बार के खिलाफ है, जिसने कथित तौर पर नाबालिग को शराब परोसी थी और तीसरा मामला लड़के के पिता के खिलाफ दर्ज किया गया है, जिसने उसे वैध लाइसेंस के बिना कार चलाने की अनुमति दी थी. लड़के के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी अपहरण करने और फैमिली ड्राइवर पर हादसे का दोष लेने का दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
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