
यूनिवर्सिटी के कैम्पस में आम लोगों को सुबह-शाम को सैर के लिए जाना है तो उन्हें शुल्क देकर पहले सदस्यता लेनी होगी? क्या आपने पहले कभी ऐसा सुना? पुणे की सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी (SPPU) की ओर से जारी किया गया ऐसा ही प्रस्ताव सुर्खियों में है. इस यूनिवर्सिटी की ओर से SPPU ऑक्सी पार्क के नाम से यूनिवर्सिटी के कैम्पस को हेल्थ एंड फिटनेस हब के तौर पर प्रमोट किया जा रहा है. प्रस्तावित योजना के तहत आम नागरिकों को पार्क में सैर या व्यायाम के लिए जाने पर शुल्क देना होगा.
इसके लिए एक हजार रुपए महीना चार्ज लिया जाएगा. यूनिवर्सिटी की ओर से सदस्यता के लाभ के तौर पर ताजी हवा, फ्री पार्किंग और ओपन जिम का हवाला दिया गया है. अभी तक ये सुविधाएं मुफ्त थीं और कोई भी इनका लाभ ले सकता था.
जैसे ही इस प्रस्ताव को लॉन्च किया गया, नागरिकों की ओर से इसकी आलोचना शुरू हो गई. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से इस प्रस्ताव को होल्ड पर रखने के साथ इस पर नए सिरे से काम करने की बात कही गई. महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने एक ट्वीट के जरिए प्रस्ताव को स्थगित किए जाने की जानकारी दी.
पुण्यातील सावित्रीबाई फुले विद्यापीठाने आकारलेल्या "ऑक्सि पार्क "साठीच्या शुल्कास स्थगिती देण्यात आली आहे. pic.twitter.com/mWgjaVakac
— Uday Samant (@samant_uday) June 12, 2021
इससे पहले एक और ट्वीट में उदय सामंत ने कहा था कि प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि इस फैसले को टालते हुए योजना का पुनर्गठन किया जाए और जल्द ही स्थगन का सर्कुलर जारी किया जाए. दरअसल, यूनिर्सिटी की ओर से जब कैम्पस में प्रवेश सिर्फ मेंबरशिप सिस्टम से होने के प्रस्ताव को सार्वजनिक किया तो इससे आम नागरिकों और छात्र यूनियन्स मे नाराजगी हुई.
यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव में ये भी कहा गया था कि सदस्यों को इमरजेंसी मेडिकल एड और कार्डियो एंबुलेंस तक भी पहुंच मिलेगी. इसके अलावा सालाना सामाजिक कार्यक्रम का न्योता भी दिया जाएगा. साथ ही यूनिवर्सिटी की अत्याधुनिक जिम की मेम्बरशिप में सहूलियत मिलेगी ये भी लिखा हुआ है.
SPPU कैम्पस में रोज सुबह शाम आसपास के लोग सैर के लिए आते हैं. हालांकि कोरोना की दस्तक के बाद से इनकी संख्या कम हुई है. आम लोगों के साथ ही उद्योगपति अरुण फिरोदिया, मशहूर वकील एडवोकेट जैन, समाज सेवक शांतिलाल मुथा भी यूनिवर्सिटी में पिछले 35 सालों से सैर के लिए आ रहे हैं.
शान्तिलाल मुथा के मुताबिक यूनिवर्सिटी में घूमने के लिए आने वालों, यानि यूनिवर्सिटी कैम्पस की ताजा हवा खाने के लिए पैसे लेना बिल्कुल गलत है. 1,000 रुपये प्रति माह लेना ही है तो यूनिवर्सिटी में अन्य सुविधाओं के लिए भी शुल्क रखना चाहिए. साथ ही लोगों को चुनने के लिए इन सुविधाओं का विकल्प देना चाहिए. लेकिन सिर्फ सैर के लिए आने वालों से किसी तरह का चार्ज करना सही नहीं है.
उद्योगपति अरुण फिरोदिया ने आजतक को बताया कि वे भी यूनिवर्सिटी में घूमने जाया करते थे लेकिन कोरोना काल में सावधानी बरतना जरूरी हो गया है. एक और यूनिवर्सिटी ने छात्रों के क्लासेज ऑनलाइन कर दिए है और दूसरी और यूनिवर्सिटी में घूमने वालों की भीड़ लग रही है, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए यूनिवर्सिटी को फिलहाल उन पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है. फिरोदिया ने भी कहा घूमने के लिए पैसे चार्ज करना गलत है.
SPPU के रजिस्ट्रार प्रफुल्ल पवार से आजतक ने प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण के लिए संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ये निर्णय गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में लिया गया था. लेकिन महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत के निर्देश के बाद इस पूरी योजना को फिलहाल रोक दिया गया है, जैसे पहले यूनिवर्सिटी में लोग सैर के लिए आते थे वैसे ही बिना शुल्क वो आते रह सकते हैं. SPPU यूनिवर्सिटी का परिसर 411 एकड़ में फैला है.
SPPU ऑक्सी पार्क योजना को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून से शुरू होना था. एक महीने के लिए 1000 रुपए, छह महीने के लिए 5500 रुपए और एक साल के लिए 10,000 रुपए सदस्यता शुल्क लिए जाने की बात कही गई थी. इसमें सदस्य को आईडी कार्ड देने की भी बात कही गई थी. साथ ही सदस्य को अपनी सुविधा के अनुसार दो टाइम स्लॉट्स में एक को चुनने का विकल्प दिया गया था.