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क्या है Fratricide, जो बठिंडा फायरिंग में 4 सैनिकों की मौत की वजह बनी?

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में 28 मार्च, 2023 को बताया कि साल 2018 से 2022 तक यानी बीते पांच साल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 29 जवानों को उनके ही साथियों द्वारा मार दिया गया.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बुधवार तड़के फायरिंग की घटना में भारतीय सेना के चार जवानों की मौत हो गई. हालांकि पंजाब पुलिस ने गोलीबारी में किसी भी आतंकी एंगल से इनकार कर दिया. हत्या का कारण आपसी माना जा रहा है. इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि Fratricide क्या है और सुरक्षा बलों में ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं. 

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दरअसल Fratricide जानबूझकर या अनजाने में सुरक्षा बलों द्वारा अपने साथियों की हत्या करना है. इसका मतलब जो साथ-साथ सेवा दे रहे हों और अपने साथियों को ही मार दे. साल 2014 और 21 मार्च 2021 के बीच भारतीय सेना में Fratricide की 18 और इंडियन एयरफोर्स में दो घटनाएं हुई हैं.  

सेना की तुलना में CAPF में ज्यादा घटनाएं 

जुलाई, 2022 में जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिला पुंछ के सुनकोट में एक सैन्य शिविर में हुई घटना में सेना के दो जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए. हालांकि इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी की तुलना में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में Fratricide और सुसाइड के मामले बहुत अधिक हैं.  

बीते 5 साल में CAPF के 29 जवानों की मौत: गृह राज्यमंत्री 

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में 28 मार्च, 2023 को बताया कि साल 2018 से 2022 तक यानी बीते पांच साल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 29 जवानों को उनके ही सहयोगियों द्वारा मार दिया गया. बयान में कहा गया है कि इस तरह की ज्यादातर घटनाओं का कारण आमतौर पर व्यक्तिगत और घरेलू समस्याएं, पारिवारिक, अवसाद और काम से संबंधित मुद्दे हैं. 

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रक्षा राज्यमंत्री ने संसद में दी थी जानकारी 

लोकसभा में इस मुद्दे पर उठाए गए एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि सरकार ने सैनिकों के बीच आपसी तनाव में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिनमें ट्रेन्ड साइकोलॉजिकल काउंसलर्स की तैनाती, कपड़े और खाने में सुधार, स्ट्रेस मैनेजमेंट को लेकर ट्रेनिंग, मनोरंजक सुविधाओं का प्रावधान, छुट्टी में छूट, सीनियर्स तक पहुंच, सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिकों की आवाजाही के लिए सुविधाएं और विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना शामिल है. 

 

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