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अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका  

अमृतपाल के वकील की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने उनसे अमृतपाल के अवैध रूप से पुलिस हिरासत में होने के सबूत पेश करने को कहा था. वहीं जब पुलिस की ओर से बताया गया कि अमृतपाल की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

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अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)
अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह के जुड़ी हुई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निष्फल बताते हुए खारिज कर दिया है. पंजाब पुलिस के एजी ने अदालत में बताया कि अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

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वहीं एमिकस क्यूरी ने कहा कि ये दो महीने पंजाब राज्य और पंजाब के लोगों के लिए आसान नहीं थे. अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया या फिर उन्होंने सरेंडर किया, हम इसकी सच्चाई के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट की जांच चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है. 

इस दौरान अमृतपाल के वकील ने अदालत से अपील कि उनके माता-पिता को डिब्रूगढ़ जेल में मिलने की अनुमति दी जाए. वहीं इस पर पंजाब सरकार की ओर से कहा गया कि वो पहले आवेदन दायर करें, उस पर फैसला लिया जाएगा.  

अमृतपाल के वकील ने दायर की थी याचिका

बता दें कि अमृतपाल के वकील इमान सिंह खारा की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने उनसे अमृतपाल के अवैध रूप से पुलिस हिरासत में होने के सबूत पेश करने को कहा था. कोर्ट ने पूछा था कि अमृतपाल को किस थाने में हिरासत में रखा गया है. हालांकि अमृतपाल ने 29 से 31 मार्च के बीच के अपने दो वीडियो और एक ऑडियो क्लिप शेयर किए थे, जिसे देखने-सुनने से लग रहा है कि वह पुलिस हिरासत में नहीं है. 

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अमृतपाल को अवैध हिरासत में रखा: याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता का कहना था कि अमृतपाल सिंह को पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा है. अमृतपाल के परिजनों को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. याचिका में अमृतपाल की जान को लेकर खतरा भी बताया गया था. हाई कोर्ट से उसे अवैध हिरासत से छुड़ाने साथ ही वारंट ऑफिसर नियुक्त करने को लेकर पंजाब सरकार को निर्देश जारी करने की अपील की है. 

कोर्ट ने मांगा था सबूत

इस मामले में 29 मार्च को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि हम हर तरह का आदेश देने के लिए तैयार हैं, लेकिन याचिकाकर्ता पहले इस बात का सबूत दें कि अमृतपाल को पुलिस ने अवैध तरीके से हिरासत में रखा है और पुलिस ने उसे कहां रखा है. 

 

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