संसद में जाति पर बहस जारी है. 'जिनकी जाति का पता नहीं' वाले अनुराग ठाकुर के बयान पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने विरोध जताया. हालांकि पीठासीन अधिकारी जगदंबिका पाल ने जाति वाले बयानों को लोकसभा की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटाने की बात कही. बयान भले कार्यवाही से हट गया लेकिन राजनीति पर छप गया. इसके बाद फिर लोग बाग राहुल गांधी के दत्तात्रेय गोत्र वाले कौल ब्राह्मण वाले बयान पर चर्चा करने लगे. ये हिसाब लगाया जाने लगा कि आखिर राहुल गांधी को ये बात क्यों चुभी. हालांकि कांग्रेस के नेता हों या खुद राहुल गांधी सबने एक सुर से कहा कि वह जातिगत जनगणना करा कर ही रहेंगे, चाहे जाति पर कितनी ही गालियां उनको खानी पड़े.
राहुल गांधी के परनाना देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी पंडित खानदान से थे. उनके वंशवृक्ष के बारे में तो जानकारी सबके पास है. पंडित नेहरू की बेटी और राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने पारसी धर्म के अनुयायी राजनेता फिरोज जहांगीर गांधी से विवाह किया. इंदिरा गांधी के बेटे और राहुल के पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ईसाई धर्म की सोनिया गांधी से विवाह किया. राहुल गांधी ने पिछले चुनावों के दौरान मंदिर में पूजा करते वक्त जनेऊ यानी यज्ञोपवीत भी पहना था जो सबको दिखा भी. उसी समय बीजेपी ने राहुल गांधी की जाति और धर्म को लेकर सवाल उठाए तो कांग्रेस ने जवाब दिया था कि राहुल गांधी दत्तात्रेय गोत्र के कौल ब्राह्मण हैं.
सड़क से संसद तक जाति का मुद्दा हावी रहा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस बहस को आगे बढ़ाया और कहा कि, 'लोकसभा में ये सब हुआ और नॉन बायोलोजिकल प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा.' वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि 'सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना इस देश के 80 फीसदी लोगों की मांग है, लेकिन भरी संसद में कहा गया कि जिनकी जाति का पता नहीं है वे गणना की बात करते हैं.'
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने तो इससे भी आगे जाते हुए अनुराग ठाकुर को 'अनुराग गोली मारो ठाकुर' बताते हुए कहा कि आपकी जाति जानने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है. श्रीनेत ने कहा कि आप राहुल गांधी की जाति जानना चाहते हैं, जिसके परदादा इस देश की आज़ादी के जंग के दौरान साढ़े नौ साल जेलों में रहे? किसके दादा ने इस देश पर अपनी उम्र खपा दी? जिसकी दादी और पिता ने इस देश के लिए शहादत दी? जिनकी मां लांछन सुनकर भी इस देश के लिए समर्पित हैं? और ख़ुद राहुल गांधी? उनके सामने खड़े रहने की न तो आपकी नैतिक हैसियत है और न क़द
राहुल गांधी की जाति जाननी है तो जाकर रामचेत मोची से पूछिए, सब्ज़ी बेचने वाले रामेश्वर से पूछिए, निर्भया की मां से पूछिए, हाथरस की गुड़िया के परिवार से पूछिए, शहीद अग्निवीरों के परिवार से पूछिए, करोड़ों दलितों, वंचितों, आदिवासियों, पिछड़ों से पूछिए जिनके हक़ की लड़ाई वो लड़ रहे हैं. राहुल गांधी का नाम सड़कों पर लेकर देखिए यह देश अपने बेटे अपने भाई पर किस तरह मोहब्बत लुटाता है.
केंद्र सरकार के मंत्री किरेन रिजीजू ने कांग्रेस की आलोचना की. आलोचना करते हुए कहा कि हमेशा ये लोग जाति की ही बात करते हैं. क्या मीडिया कर्मियों या सुरक्षा कर्मियों या सैनिकों की कोई जाति होती हैं? क्या कांग्रेस नेता उनकी भी जाति पूछेंगे? समाजवादी नेता और सांसद अखिलेश यादव ने भी इस पर कहा कि वो उस दिन को कभी नहीं भूलेंगे जब उनके सीएम आवास खाली करने के बाद उसे गंगाजल से धोया गया. सरकार बात तो चांद पर जाने की कहती है, डिजिटल इंडिया की करती है, लेकिन दरअसल जाति को लेकर अपने पूर्वाग्रहों से बाहर नहीं आना चाहती.
यानी जहां जाति गणना को लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है वहीं सरकार इसके खिलाफ है. लेकिन बहस का केंद्र वहां भी और यहां भी जाति ही है. आने वाले चुनावों में भी लगता नहीं कि इस जाति चक्र से कोई भी राजनीतिक पार्टी बाहर आना चाहेगी.