कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद में दिए भाषण पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने भी लालचौक में जाकर तिरंगा फहराया था. प्रधानमंत्री ने 15-20 लोगों के साथ जाकर तिरंगा फहराया और भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरी युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया.
भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर के लोग तिरंगा उठाए थे. एक ने नहीं हजारों ने तिरंगा युवाओं ने तिरंगा उठाकर रखा. पूरे कश्मीर में यही कहानी थी. राहुल ने कहा कि जिन जिलों को आतंक प्रभावित कहा जाता है वहां भी कश्मीरी युवाओं के हाथ में तिरंगा था.
कांग्रेस सांसद ने कहा, "सीआरपीएफ के लोगों ने कहा कि हमने जिंदगी में नहीं देखा कि क्या हो गया. संसद में पीएम का भाषण सुना. कहते हैं कि मैंने भी जाकर लालचौक में तिरंगा फहराया था. मैं सुन रहा था. मैंने सोचा के हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को बात समझ नहीं आई. बात समझ नहीं आई. नरेंद्र मोदी जी ने बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ जाकर लालचौक पर तिरंगा फहराया. भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरी युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया. प्रधानमंत्री को फर्क नहीं समझ आया. हमने हिंदुस्तान की भावना, इस झंडे की भावना, जम्मू कश्मीर के युवाओं के अंदर डाल दी, आपने अपने झंडे की भावना युवाओं से छीन ली. ये फर्क है हममें और आपमें."
हिंदुस्तान एक भावना, तिरंगा उसका चिन्ह: राहुल
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "तिरंगा दिल की भावना है, दिल के अंदर से आती है. हमने इस भावना को कश्मीर के युवाओं के दिल के अंदर जगाया. हमने उनसे कभी नहीं कहा कि भैया तुम्हें तिरंगा लहराना है, तुम्हें उठाकर चलना है, नहीं. किसी से नहीं कहा. अपने आप आए, हजारों लाखों आए, अपने हाथ में तिरंगा उठाकर चले. क्यों चले मैं आपको बताता हूं. कश्मीरी युवा ने मुझसे कहा कि राहुल जी आज मैं आपके साथ तिरंगा लिए चल रहा हूं. जानते क्यों... क्योंकि आपने हम पर और मुझपर भरोसा किया. आपने अपना दिल हमारे लिए खोला. हम अपना दिला आपके लिए खोलेंगे. ये फर्क है. हिंदुस्तान एक भावना है और ये तिरंगा भावना का चिन्ह. भारत जोड़ो यात्रा ने इस भावना को पूरे देश ने फैलाया है. ये काम मैंने नहीं कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और जनता ने किया है."
विदेश मंत्री के बयान पर राहुल का हमला
राहुल गांधी ने चीन को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिए गए बयान को लेकर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले एक मंत्री ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था हिंदुस्तान की इकोनॉमी से बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं. इसको लेकर कांग्रेस सांसद ने कहा, "जब अंग्रेज हम पर राज करते थे क्या उनकी इकोनॉमी हमारी इकोनॉमी से छोटी थी. जो आपसे शक्तिमान है. उससे आप लड़ो ही मत. जो कमजोर है, उससे ही लड़ो. इसको कायरता कहा जाता है. सावरकर की विचारधारा है कि अगर आपके सामने आपसे तगड़ा है. उसके सामने सिर झुका दो, मत्था टेक दो. हिंदुस्तान के मंत्री चीन से कह रहे हैं कि आपकी इकोनॉमी बड़ी है तो हम आपके सामने खड़े नहीं हो सकते हैं. इसको नेशनलिज्म कहते हैं. ये कौन सी देशभक्ति है. जो कमजोर है, उसको मारो. जो मजबूत है उसके सामने झुक जाओ."