कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के मसले पर एक बार फिर सरकार को जमकर घेरा है. गुरुवार को राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इन मसलों को उठाया. इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, ये उन्हें आतंकी बताना शुरू कर देते हैं. राहुल ने इसी दौरान कहा कि अगर कल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत खिलाफ हो जाएंगे, तो उन्हें भी आतंकी बता दिया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लगाए गए किसान आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने के आरोप पर राहुल गांधी ने जवाब दिया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ‘बीजेपी, नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है और वो किसान-मजदूर समझ गया है. उनका लक्ष्य अपने अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना है, जो भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होते हैं वो उनके बारे में कुछ ना कुछ गलत बोलते रहते हैं.’
India is now an imaginary democracy. pic.twitter.com/4WZJiJ9Xel
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘किसान खड़े हो जाएंगे तो उसे आतंकवादी बोलेंगे, मजदूर खड़े हो जाएंगे तो उन्हें आतंकवादी बोलेंगे और एक दिन अगर मोहन भागवत खड़े हो जाएंगे तो कहेंगे ये भी आतंकवादी हैं. जो भी नरेंद्र मोदी जी से सवाल पूछने की कोशिश करेगा वो आतंकवादी है और नरेंद्र मोदी सिर्फ अपने दो-तीन लोगों के लिए काम कर रहे हैं जिनको वो पूरा हिंदुस्तान पकड़ा रहे हैं.’
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानून के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. इससे पहले भी राहुल गांधी विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर राष्ट्रपति से मुलाकात कर चुके हैं.
LIVE: Shri @RahulGandhi addresses the media after meeting with the Hon'ble President of India. https://t.co/dzL7fgICXm
— Congress (@INCIndia) December 24, 2020
राहुल ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि देश का किसान तबतक पीछे नहीं हटेगा, जबतक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे. आज किसानों को पता है कि ये कानून उनके लिए नहीं हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी किसानों की लड़ाई में उनके साथ है. केंद्र सरकार को तुरंत संसद का सत्र बुलाकर तीनों कानूनों को रद्द करना चाहिए.
बता दें कि एक तरफ राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की, तो वहीं राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रहे कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में भी लिया गया, इनमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थीं.