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कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस 24 दिसंबर को राष्ट्रपति से करेगी मुलाकात, सौंपेगी 2 करोड़ लोगों का पत्र

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के सांसदों और नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल 3 कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप करने वाले मांग पत्र को 24 दिसंबर को राष्ट्रपति को सौंपेगा.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल-पीटीआई)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केंद्र के 3 कृषि कानूनों का किसान कर रहे हैं विरोध
  • सिंघु बॉर्डर पर करीब 1 महीने भर से आंदोलन जारी
  • राष्ट्रपति को 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपेगी कांग्रेस

सिंघु बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का एक महीना होने जा रहा है और देश के अन्य क्षेत्रों के किसान उनके समर्थन में दिल्ली आ रहे हैं. इस बीच कांग्रेस भी कानून के खिलाफ लगातार मुखर है और पार्टी विवादित 3 कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाते हुए 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपेगी.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के सांसदों और नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल 3 कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप करने वाले मांग पत्र को 24 दिसंबर को राष्ट्रपति को सौंपेगा.

कांग्रेस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि किसान विरोधी कानूनों को लेकर जारी विरोध के बीच देशभर के करीब 2 करोड़ लोग काले कृषि कानूनों को वापस लेने के अनुरोध वाले पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे जिसे राहुल गांधी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल 24 दिसंबर को राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा जाएगा.

कांग्रेस की ओर से कहा गया कि मोदी सरकार के चुनिंदा पूंजीवादी दोस्तों के हाथों में अपने हितों को जाने से रोकने के उद्देश्य से भारत के लाखों किसानों का कंपकंपाती सर्द रातों में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. उन्हें पहले से दिए गए सूचना और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के इरादे के बावजूद पिछले 27 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने से रोक लगा हुआ है.

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किसान विरोधी इन तीन कानूनों ने देश में किसानों और खेत मजदूरों के बीच भारी दर्द और पीड़ा पैदा की है. किसान इन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने के लिए भारत सरकार से लगातार अनुरोध कर रहे हैं और पिछले कुछ दिनों से वे इन कानूनों के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी बैठे हैं. जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान 44 किसान पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं.

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कांग्रेस की ओर से इसके खिलाफ प्रदर्शन किया गया था. राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर संसद के अंदर और बाहर कृषि कानूनों का विरोध किया था. 

किसान विरोधी कानूनों के लगातार विरोध के एक कदम के रूप में कांग्रेस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया जिसमें राष्ट्रपति को संबोधित करते पत्र में 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर शामिल किए गए. पत्र के जरिए लोगों ने राष्ट्रपति से कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

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