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राहुल गांधी ने सरकारी बंगला लेने से किया इनकार, लोकसभा हाउसिंग सोसायटी को लिखी चिट्ठी

राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद लोकसभा की हाउसिंग सोसायटी ने उन्हें 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट कर दिया था, लेकिन अब कांग्रेस नेता ने इसे लेने से इनकार कर दिया है. बता दें कि मोदी सरनेम मामले में जब उनकी सदस्यता चली गई थी, तभी बंगला वापस ले लिया गया था.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो चुकी है, जिसके बाद उन्हें पुराना बंगला 12 तुगलक लेन भी अलॉट कर दिया गया था. अब राहुल गांधी ने अपना पुराना बंगला लेने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए राहुल गांधी ने लोकसभा हाउसिंग सोसायटी को पत्र लिखा है. 

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बता दें कि राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद 8 अगस्त को लोकसभा की हाउसिंग सोसायटी ने उन्हें 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट कर दिया है. हालांकि जब उनसे बंगला को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था पूरा हिंदुस्तान ही मेरा घर है.  

क्यों खाली कराया गया था बंगला?  

सूरत कोर्ट ने 24 मार्च को मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया था. इसके बाद उनका बंगला भी वापस ले लिया गया था. 

'पूरा हिंदुस्तान मेरा घर है...', सरकारी बंगला वापस मिलने पर राहुल गांधी का बयान
 

19 साल से यही था राहुल गांधी का घर 

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यह बंगला राहुल गांधी को तबसे मिला था, जब वह पहली बार अमेठी से सांसद चुनकर आए थे. वह बतौर सांसद बीते 19 साल से इसी 12, तुगलक लेन में रह रहे थे. बंगला खाली करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है. 

किस मामले में हुई थी राहुल गांधी को सजा? 

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. इसके बाद राहुल की सदस्यता गई थी. 

सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई थी रोक 

राहुल गांधी ने सांसदी जाने के बाद सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन राहत नहीं मिली. फिर वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां सजा पर रोक लग गई. इसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो गई और वह फिर से वायनाड के सांसद बन गए. 

 

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