उद्योगपति गौतम अडानी की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मुलाकात की चर्चा हर तरफ है. ऐसे में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने गौतम अडानी को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया. ना ही अपनी पॉलिटिकल पॉवर का इस्तेमाल उनके बिजनेस को मदद पहुंचाने में किया. गौतम अडानी ने राजस्थान में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा है, कोई भी मुख्यमंत्री इसके लिए मना नहीं करेगा.
गौरतलब है कि अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी शुक्रवार को जयपुर में थे. उन्होंने Invest Rajasthan 2022 Summit के दौरान राजस्थान में 65,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा था. जिससे आने वाले 5 से 7 साल में राज्य में 40,000 नए रोजगार का निर्माण होगा.
गौतम अडानी ने कहा था कि उनका समूह राज्य में बिजली क्षेत्र का पहले से बड़ा निवेशक है. वहीं अंबुजा सीमेंट और एसीसी के अधिग्रहण के बाद वह दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई है जिसके राज्य में 3 प्लांट हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में भी उनका समूह आगे और निवेश बढ़ाएगा. अडानी समूह राज्य में अभी 35,000 करोड़ से अधिक का निवेश कर चुका है. जबकि आने वाले 5 से 7 साल में ऊर्जा क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगा. जबकि सीमेंट सेक्टर में भी 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इस तरह आने वाले सालों में राज्य में कुल 65,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा. इससे राज्य में 40,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा.
अडानी ने की गहलोत की तारीफ
इस निवेश सम्मेलन में अपने भाषण में गौतम अडानी ने अशोक गहलोत भी तारीफ की थी.उन्होंने कहा था कि जब वो सीएम गहलोत से पहली बार मिले थे, तब उन्होंने राजस्थान के बिजली क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई थी. उन्हें याद है कि तब सीएम ने तत्काल उनका समर्थन दिया और प्रशासन को भूमि, जल और अन्य मंजूरियां जल्द से जल्द देने का निर्देश दिया. उन्होंने इतनी तत्परता और तेजी से निर्णय लेने की प्रक्रिया को पहली बार देखा था. यही कारण है कि कावई का 1,320 मेगावाट का बिजली संयंत्र महज 36 महीनों में पूरा हो गया. ये भारत में सबसे तेजी और अडानी समूह के किसी भी बिजली प्लांट का सबसे तेजी हुए निर्माण है. उन्होंने राजस्थान सरकार की जागृति बैक टू वर्क योजना, शक्ति उड़ान योजना और मुख्यमंत्री अनु-प्रीति कोचिंग स्कीम की खूब तारीफ की थी.
राहुल गांधी अक्सर अपने राजनीतिक भाषणों में उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी (Ambani-Adani) का नाम लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हैं. वो नरेन्द्र मोदी सरकार पर सिर्फ चुनिंदा उद्योगपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाते रहते हैं.