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'अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ ये न्याय की जीत....', बिलकिस बानो केस में SC के फैसले पर बोले राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि यह बिलकिस बानो के अथक संघर्ष का अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ न्याय की जीत का प्रतीक है. 

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बिलकिस बानो केस में SC के फैसले पर बोले राहुल गांधी. (फाइल फोटो)
बिलकिस बानो केस में SC के फैसले पर बोले राहुल गांधी. (फाइल फोटो)

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो बलात्कार मामले में सुनवाई करते गुजरात सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और सभी 11 दोषियों को फिर से जेल भेज दिया. अदालत के इस फैसले के विपक्षी दलों के नेता बेहद खुद हैं और उन्हें कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी खुशी जाहिर की है और कहा कि यह बिलकिस बानो के संघर्ष की जीत है.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया नेटवर्क साइट एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि चुनावी फायदे के लिए न्याय की हत्या की प्रवृति लोकतंत्र व्यवस्था के लिए खतरनाक है. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने खुद बता दिया की आपराधियों का संरक्षक कौन है. बिलकिस बानो का संघर्ष अहंकारी भाजपा सरकार के खिलाफ न्याय की जीत का प्रतीक है.

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प्रियंका गांधी ने भी जताई खुशी

राहुल गांधी के अलावा उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने इस न्याय की जीत बताया है.

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा,' इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर से पर्दा हट गया है. इसके बाद न्याय व्यवस्था पर जनता का भरोसा और मजबूत होगा. अपनी लड़ाई बहादुरी से जारी रखने के लिए बिलकिस बानो को बधाई.'

गुजरात सरकार के झटका

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिलकिस बानो बलात्कार केस और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले में 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को पलट दिया. उच्चत्तम न्यायालय की जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.

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12 अक्टूबर को सुरक्षित रखा था फैसला

बेंच ने लगातार 11 दिन तक सुनवाई के बाद पिछले साल 12 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान केंद्र और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने से जुड़े ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश किए और अपना तर्क रखा. अदालत ने अपने फैसले में कहना है कि ये साफ होना चाहिए कि दोषी कैसे माफी के लायक हैं. 

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