वीर सावरकर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को पुणे की अदालत में हाजिर नहीं हुए. सावरकर के परिजनों ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है. संसद के शीतकालीन सत्र के कारण राहुल गांधी अदालत में उपस्थित नहीं हो सके. गांधी के वकील मिलिंद पवार ने बताया कि उनके मुव्वकिल ने संसद सत्र के चलते पेशी से छूट की मांग की थी और यह भी बताया कि राहुल गांधी 10 जनवरी को अदालत में हाजिर होंगे.
मामले में सावरकर के भतीजे सात्यकि सावरकर ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में अपने भाषण में यह आरोप लगाया था कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके कुछ साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और सावरकर ने इसे लेकर खुशी महसूस की थी. सात्यकि सावरकर के अनुसार, यह बात सावरकर की किताब में नहीं है और यह गलत आरोप है.
इस पर अदालत ने पुलिस से मामले की जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद विश्रामबाग पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में शिकायत में कुछ तथ्यात्मक सत्यता पाए जाने की बात कही थी. 18 नवंबर को विशेष अदालत ने गांधी को 2 दिसंबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन वह इस तारीख पर हाजिर नहीं हो सके. इस पर शिकायतकर्ता के वकील संग्राम कोल्हटकर ने अदालत से गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग की, क्योंकि वह पहले भी तीन बार अदालत में हाजिर नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि गांधी का अदालत के आदेश का पालन न करना अदालत की अवमानना है.
कोल्हटकर ने 26 नवंबर को राहुल गांधी के भाषण की कुछ समाचार कटिंग भी पेश कीं, जिनमें उन्होंने सावरकर के खिलाफ इसी तरह के बयान दिए थे. उन्होंने अदालत से यह भी आग्रह किया कि गांधी को भविष्य में सावरकर के खिलाफ कोई टिप्पणी करने से रोका जाए. इस पर अदालत के जज ने वकील से कहा कि वह अपने मुव्वकिल से आग्रह करें कि ऐसी टिप्पणी न की जाए.
पहले 4 अक्टूबर को अदालत ने गांधी को 23 अक्टूबर को हाजिर होने का आदेश दिया था, लेकिन गांधी अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे और उनके वकील ने अदालत को बताया था कि उन्हें समन नहीं मिला था.
18 नवंबर को पवार ने अदालत से कहा था कि गांधी चुनावी अभियान में व्यस्त हैं और उन्हें समय चाहिए. तब अदालत ने गांधी को 2 दिसंबर को हाजिर होने का आदेश दिया था. सोमवार को जज शिंदे ने मामले की सुनवाई 10 जनवरी तक टाल दी है.