कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के सातवें दिन की शुरुआत हो चुकी है. शनिवार को अपनी यात्रा के सातवें दिन राहुल गांधी असम के लखीमपुर स्थित पदुमनी आई थान पहुंचे जो मां दुर्गा का मंदिर है. उन्होंने मंदिर के दरवाजे पर प्रणाम किया और यात्रा के लिए आगे बढ़ गए. इस दौरान राहुल गांधी ने नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.
कांग्रेस का हिमंता सरकार पर हमला
इस दौरान कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि असम की भाजपा सरकार चाय बागान समुदाय और वहां रहने वाले मजदूरों की भलाई पर विचार किए बिना ही चाय बागानों को निजी मालिकों को बेच रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया, 'सरकार ने जनजातीय बेल्ट और ब्लॉक जैसे कुछ समुदायों को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द कर दिया है. इस राज्य में धार्मिक राजनीति के नाम पर लोगों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं. यहां मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. आज असम के लोग खुद को पूरी तरह से असुरक्षित महसूस करते हैं.'
युवा कांग्रेस के वाहनों पर हमला
इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान युवा कांग्रेस के वाहनों पर लक्षित हमला हुआ. कांग्रेस ने कहा कि शुक्रवार रात, युवा कांग्रेस से जुड़े वाहनों में तोड़फोड़ के लिए भाजयुमो (भाजपा युवा मोर्चा) जिम्मेदार बताया. इसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें पूरी घटना कैद है जिसमें कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीर से छेड़छाड़ की जा रही है. यात्रा से पहले लखीमपुर में राहुल गांधी के कटआउट और बैनर को भी नुकसान पहुंचाया गया है. कांग्रेस पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और भाजपा से जुड़े उपद्रवियों की गिरफ्तारी की मांग करने की योजना बना रही है.
आज ईटानगर में होगा रात्रि विश्राम
यात्रा 12 बजे तक गोबिंदपुर, लालुक में पहुंचेगी. इसके बाद हारमोती, लखीमपुर से यह गुमतो, असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा के लिए निकलेगी.3 बजे निथुन गेट, ईटानगर पहुंचने के बाद यहां राहुल गांधी एक जनसभा को संबोधित करेंगे. शाम को यात्रा का विश्राम चिंपू, ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) में होगा.
संघ पर किया था हमला
इससे पहले ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के असम में प्रवेश करने के दूसरे दिन लखीमपुर जिले के गोगामुख में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि आरएसएस दिल्ली से पूरे देश पर शासन करने के विचार का पूर्ण समर्थन करते हैं, लेकिन राज्यों पर दिल्ली से यह (शासन) नहीं किया जाना चाहिए. राहुल ने कहा, 'उनकी पार्टी ऐसी किसी प्रणाली का समर्थन नहीं करती. भाजपा और आरएसएस का मानना है कि हिन्दुस्तान पर एक भाषा और एक नेता के जरिये दिल्ली से शासन चलाया जाना चाहिए। लेकिन हम इससे असहमत हैं. असम पर शासन दिल्ली से नहीं, बल्कि असम से चलाया जाना चाहिए.’’