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राहुल के RSS पर तेवर क्या कांग्रेस को भारी पड़ेंगे?: दिनभर, 7 मार्च

मेघालय-नागालैंड में मुख्यमंत्री ने ली शपथ, प्रधानमंत्री भी समारोह में मौजूद थे, किसे मिली कैबिनेट में जगह, क्या निभा गठबंधन धर्म? लंदन में दिए जा रहे राहुल गांधी के बयान, सुर्खियां बटोर रहा है, क्यों RSS की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की? इसरो ने अपने ही सैटेलाइट को नष्ट क्यों किया? डेटा बता रहा है कि छोटे शहरों में स्टार्ट-अप ग्रो कर रहे हैं, ऐसा कैसे हो रहा है? सुनिए 'दिन भर'

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नागालैंड और मेघालय में शपथ ग्रहण

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नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों में लोकतंत्र का एक उत्सव पूरा हुआ. चुनाव बाद मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के शपथ ग्रहण खत्म हुए. त्रिपुरा के बाद आज नागालैंड और मेघालय में मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ. 

मेघालय में कोनराड संगमा की पार्टी NPP, UDP और भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई है. शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. संगमा दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. 2 मार्च को आए नतीजों में संगमा की पार्टी 26 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 

नागालैंड में नेफ्यू रियो पांचवीं बार नगालैंड के CM बने हैं. यहाँ एंडीपीपी और बीजेपी के गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था. प्रधानमंत्री की मौजूदगी इस कार्यक्रम में भी थी. यहां क्लिक कर सुनिए दिन भर में

 

ब्रिटिश संसद में राहुल गांधी का भाषण

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भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी एक बार फिर से चर्चा में हैं... और इस बार चर्चा की वजह है उनका ब्रिटेन दौरा। लंदन में थिंक टैंक चैथम हाउस में अपने भाषण में उन्होंने भारत में लोकतंत्र, चीन, जम्मू कश्मीर, महिलाओं के खिलाफ हिंसा समेत तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी लेकिन जिस मुद्दे ने सबसे ज़्यादा सुर्खियां बटोरी वो थी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर उनकी टिप्पणी। उन्होंने संघ को कट्टरवादी फासिस्ट संगठन बताते हुए उसकी तुलना मिस्र के इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से कर दी है. उन्होंने ये भी कहा कि RSS ने देश के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है।

संघ पर किए गए तीखे बयानबाज़ी के बाद बीजेपी के तमाम नेताओं ने राहुल पर ज़ुबानी हमले तेज़ कर दिए हैं... पर एक सवाल ये है कि राहुल पहेल भी बीजेपी और राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ को लेकर हमलावर रहे हैं। पहले भी उन्होंने संघ को फॉ़सिस्ट संगठन कहा था, पर एक सियासी समझ ये भी है कि संघ पर राहुल की ऐसी टिप्पणियां बीजेपी के लिए इलेक्टोरली फायदेमंद साबित होती हैं, क्या राहुल की इस तरह के बयानों को लेकर पार्टी के अंदर भी किसी तरह का रिसेंटमेंट है... यानि इस लिहाज़ से कि राहुल को मोदी सरकार की नीतियों पर बात करनी चाहिए या इसे लेकर ख़ामोशी है? यहां क्लिक कर सुनिए दिन भर में

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इसरो नष्ट कर रहा है अपना ही उपग्रह

12 साल पहले, 12 अक्टूबर 2011 को इसरो और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी CNES ने साथ मिलकर एक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा था. सैटेलाइट का नाम मेघा ट्रॉपिक्स-1, मेघा संस्कृत का शब्द और ट्रॉपिक्स फ्रेंच से लिया गया है. इसे MT-1 भी कहते हैं, इसक वजन लगभग एक टन है. इसका मक़सद क्षेत्रिय और वैश्विक जलवायु मॉडल से जुड़ी ज़रूरी डेटा को इकट्ठा कर भेजना था. MT-1 को 3 साल के लिए ही भेजा गया था, लेकिन इससे 12 साल तक काम लिया गया. अभी इसके भीतर 125 किलोग्राम इंधन मौजूद है और आज इसे प्रशांत महासागर में सुरक्षित तरीके से गिराने को कोशिश की जाएगी, प्रशांत महासागर में एक जगह है जिसे प्वाइंट निमो कहते हैं, जिसे सैटलाइट का कब्रगाह कहा जाता है. इस पॉडकास्ट के रिकॉर्ड करते वक्त तक MT 1 गिरा नहीं है. इसरो का कहना है कि उन्हें एरो-थर्मल सेमिलुएशन के ज़रिये पता चला है कि MT-1 के किसी भी बड़े टुकड़े के एरोथर्मल हीटिंग से बचने की संभावना नहीं है. इसे दोबारा से पृथ्वी की आंतरिक कक्ष में लाना एक चुनौतीपूर्ण काम है, क्योंकि MT-1 को प्रॉसेस के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था. MT-1 के मिशन उसको गिराने की प्रक्रिया और चुनौतियों को समझने के लिए, यहां क्लिक कर सुनिए दिन भर में

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फंडींग में छोटे शहर के स्टार्टअप आगे

अब पहुंची हो सड़क तुम गांव

जब पूरा गांव शहर जा चुका है

महेश चंद्र पुनेठा की कविता के दो पंक्तियों से इस बात की शुरुआत इसलिए क्योंकि कल होली है और blume ventures’ indus valley के annual report 2023 के अनुसार साल 2022 के दौरान छोटे शहरों में चल रहे स्टार्टअप की फंडिंग में 41% की बढ़ोत्तरी हुई है, और जिन शहरों को स्टार्टअप का हब माना जाता है उन शहरों के स्टार्ट अप की फंडिंग 48% घटी है. अगर आपको याद हो तो कुछ दिनों पहले हमने एक और डेटा पर बात की थी, जिसके अनुसार छोटे शहरों में नौकरी के मौके बढ़ रहे हैं और बड़े शहरों में ये मौके कम हुए हैं. दोनों डेटा को पास-पास रख कर देखने पर धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था के बदलते चहरे के संकेत मिलते हैं. अब लोगबाग अपने शहर में और अपने शहर के लिए काम करना चाहते हैं और ये एक अच्छी बात है इससे बड़े शहरों का बोझ भी हलका होगा. BVIV का रिपोर्ट ये भी कहता है कि नॉन मेट्रो सिटी के स्टार्टअप को मिलने वाले डील का शेयर भी बढ़ा है, 2019 में ये 1.6 प्रतिशत था और 2.8 प्रतिशत है, हालांकि ये बढ़ोत्तरी बेहद मामूली है लेकिन बढ़ोत्तरी तो है…ये आंकड़ें हमें और क्या बताते हैं, कोविड इसके लिए कितना ज़िम्मेदार है. यहां क्लिक कर सुनिए दिन भर में

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