बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को लोकसभा में उस वक्त हंगामा मच गया जब नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भाषण देने के लिए खड़े हुए. अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि अगर हमारे देश के पास अच्छा मैन्यूफैक्चरिंग सिस्टम होता तो विदेश मंत्री को इतनी बार जाकर अमेरिकी राष्ट्रपति की ताजपोशी में पीएम को शामिल कराने के लिए अनुरोध नहीं करना पड़ता. विदेश मंत्री को इतनी मेहनत न करनी पड़ती कि वो अमेरिका जाते और कहते कि प्लीज हमारे प्रधानमंत्री को कॉल करें. इस दौरान सदन में पीएम मोदी भी मौजूद रहे.
बीजेपी ने जताया विरोध
राहुल गांधी के इन आरोपों पर बीजेपी सांसदों ने जमकर हंगामा किया. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा के विपक्ष के नेता इस तरह के आधारहीन आरोप नहीं लगा सकते हैं. अगर राहुल गांधी के पास कोई सबूत है तो वो सदन में पेश करें. लेकिन इस तरह के आरोप न लगाएं. कम से कम देश के मुद्दे पर तो सभी को एकसाथ होना चाहिए. रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के नेता को गंभीर होना चाहिए.
कहा- मैन्यूफैक्चरिंग 60 साल के निचले स्तर पर
राहुल गांधी ने कहा कि देश में मैन्यूफैक्चरिंग 60 साल में सबसे निचले स्तर पर है. उन्होंने मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए फोन दिखाया और कहा कि भले ही हम कहें कि ये भारत में बना है लेकिन इसके पार्ट्स चीन से आए हैं और यहां असेंबल किया गया है. उन्होंने कहा कि दुनिया पूरी तरह से बदल रही है. हम पेट्रोलियम से बैट्री और परमाणु ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं. हर चीज बदल रही है.
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राहुल गांधी ने कहा कि लास्ट टाइम जब क्रांति हुई थी, भारत सरकार ने कम्प्यूटर क्रांति को देख लिया था और फोकस कर दिया था. आज उसका नतीजा दिख रहा है. लोग हंसते थे जब कम्प्यूटर आया था. वाजपेयीजी का सम्मान करता हूं लेकिन वो भी इसके विरोध में बोलते थे. यूक्रेन में युद्ध चल रहा है. इलेक्ट्रिक मोटर और इंजन बनता है. उन्होंने रोबोट से लेकर ड्रोन तक का जिक्र किया और कहा कि लोग आज एआई को लेकर बात कर रहे हैं. एआई डेटा से ऑपरेट होता है. बिना डेटा के ये कुछ नहीं. सवाल है कि एआई कौन सा डेटा इस्तेमाल कर रहा है. भारत के पास कोई डेटा नहीं है. या तो एआई चीनी या फिर अमेरिकी डेटा का इस्तेमाल करेगा.