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'प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली', तिरुपति लड्डू विवाद पर राहुल गांधी का बयान

तिरुपति मंदिर में लड्डुओं को तैयार किए जाने वाले घी पर लगे आरोपों पर केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है. लेकिन इस खुलासे के बाद एक तरफ देश भर में सनातनियों के बीच आक्रोश का भाव नजर आ रहा है. भोपाल जैसे कुछ शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक अर्जियां दी जा रही हैं.

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तिरुपति लड्डू विवाद पर राहुल की प्रतिक्रिया आई है
तिरुपति लड्डू विवाद पर राहुल की प्रतिक्रिया आई है

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं के घी में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी को पुष्टि होने के बाद से सियासी उबाल जारी है. आंध्र प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि जिस घी से लड्डू तैयार किए जाते हैं, उसमें मिलावट पाई गई है. ये मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के चलते हुए. इसको लेकर अब कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी का बयान भी सामने आया है.

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राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली हैं. भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए पूजनीय देवता हैं. यह मुद्दा हर भक्त को दुखी करेगा और इस पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है. भारत भर के अधिकारियों को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी."

दरअसल, लड्डुओं को तैयार किए जाने वाले घी पर लगे आरोपों पर केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है. लेकिन इस खुलासे के बाद एक तरफ देश भर में सनातनियों के बीच आक्रोश का भाव नजर आ रहा है. भोपाल जैसे कुछ शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक अर्जियां दी जा रही हैं. दूसरी ओर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी जारी हैं. बीजेपी नेता ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. कांग्रेस ने सीएम नायड़ू पर सवाल खड़े किए हैं कि तीन महीने तक सीएम ने खुलासा क्यों नहीं किया. 

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जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों को बताया निराधार

कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग भी की है. तो जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि 100 दिन की नाकामी छुपाने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने निराधार आरोप लगाए हैं. दरअसल, आंध्र प्रदेश में सत्ता बदलते ही 12 जून को ही तिरुपति मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की जांच के नमूने लिए गए थे. जांच रिपोर्ट 23 जून तक तैयार हो गई, लेकिन खुलासा सितंबर में हुआ, जब नायडू सरकार के 100 दिन पूरे हुए. जो रिपोर्ट सामने आई उसमें लड्डू बनाने वाले घी में जो चीजें पाई गई थीं, वो बताती हैं कि घी में तिलहन और वस्पतियों के अलावा मछली का तेल और जानवर की चर्बी हो सकती है. ये जांच नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड यानी एनडीडीबी के सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड यानी सीएएलएफ लैब में कराई गई थी. 

रिपोर्ट में फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड की बात

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन लड्डुओं में जिस घी का इस्तेमाल हो रहा है, वो घी मिलावटी है और इसमें फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड की मात्रा भी हो सकती है. एनिमल टैलो का मतलब पशु में मौजूद फैट से होता है. और इसमें लार्ड भी मिला हुआ था. लार्ड का मतलब जानवरों की चर्बी से होता है और इसी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इसी घी में फिश ऑयल की मात्रा भी हो सकती है. हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि कुछ परिस्थितियों के कारण गाय के घी में जानवरों की चर्बी और उनके फैट के अंश पहुंच सकते हैं और जांच में फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट्स आ सकते हैं.

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ओडिशा मामले पर भी राहुल ने दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने ओडिशा में सेना अधिकारी के साथ मारपीट मामले पर भी सोशल मीडिया पर लिखा और कहा, "ओडिशा में घटित भयंकर घटना ने देश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस से मदद मांगने गए एक सेना अधिकारी को बेरहमी से पीटा गया और उनकी मंगेतर को कस्टडी में उत्पीड़ित किया गया. यह घृणित घटना पूरी मानवता को शर्मसार करने वाली है. भाजपा सरकार में महिलाओं के विरुद्ध अपराध पूरी तरह से बेकाबू और निरंकुश हो चुका है. जब सरकारी तंत्र के ही भीतर अन्याय पनपता और शरण पाता है तो आम नागरिक सहायता की आस किससे लगाए? इस घटना के सभी दोषी सख्त से सख्त कानूनी सजा के पात्र हैं - उनके खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई कर आज भारत की जनता, खास कर महिलाओं के समक्ष न्याय और सुरक्षा की मिसाल पेश करने की दरकार है.

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