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अटल के बहाने अपनी राजनीतिक ज़मीन समतल करना चाहते हैं राहुल गांधी?: दिन भर, 26 दिसंबर

बीजेपी और उसकी राजनीति को कोसने वाले राहुल गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने क्यों पहुंच गए? इस क़दम के पीछे राहुल की क्या मंशा थी? नॉर्थ इंडिया में अचानक से क्यों बढ़ गई सर्दी और नए साल में मौसम का मिज़ाज़ कैसा रहने वाला है? चंदा कोच्चर के अर्श से फर्श पर पहुँचने की कहानी और 2022 खेल की दुनिया में इंडिया के लिए क्या खट्टा मीठा अनुभव लेकर आया, सुनिए आज के 'दिन भर' में कुलदीप मिश्र से.

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Atal bihari vajpayee rahul gandhi
Atal bihari vajpayee rahul gandhi

देश के दसवें प्रधानमंत्री रहे पंडित अटल बिहारी बाजपेयी की कल जयंती थी. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता इस मौक़े पर उन्हें श्रद्धांजलि देने अटल स्मारक पहुंचे थे. कल आपने ख़बरों में देखा-सुना ही होगा. लेकिन अटल स्मारक आज भी सुर्खियां में बना हुआ है. कारण हैं... कांग्रेस नेता राहुल गांधी.  भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई करते हुए वो दिल्ली में है. फ़िलहाल इस यात्रा में 9 दिनों का ब्रेक है. लेकिन आज सुबह-सुबह उनका एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह अटल स्मारक की परिक्रमा कर रहे हैं. इस तस्वीर के राजनीतिक अर्थ इतने हल्के नहीं हैं कि इस पर मिट्टी डाल दी जाए. इस तस्वीर पर बात करना बनता है क्योंकि ये सिर्फ एक दिवंगत और अपने से वरिष्ठ नेता के प्रति शिष्टाचार का मामला नहीं है. जो राहुल गांधी पिछले कई सालों से जिस आरएसएस और बीजेपी पर देश बांटने का आरोप लगाते आए हैं, उनके ही एक आइकन को, भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक नेता को वो श्रद्धांजलि देने पहुंच गए. 
 

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राहुल के इस एक्शन पर कांग्रेस से भी असहमति के स्वर आए हैं. हालांकि सीनियर कांग्रेस लीडर जयराम रमेश ने हाल ही में कहा कि वो नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह जैसे नेता जो अटल स्कूल ऑफ़ पॉलिटिक्स से आते हैं, कांग्रेस उनका भारत जोड़ो यात्रा में स्वागत करती है.

अटल की शरण में क्यों पहुंचे राहुल

इस कहानी में कई ऐतिहासिक विरोधाभास हैं. अटल बिहारी बाजपेयी जिन्होंने अयोध्या के बाबरी ध्वंस में पत्थर समतल करने की ज़रूरत बताई, अपने भाषण में, जिनके दौर में, जिनके रहते भारतीय जनता पार्टी ने मंदिर आंदोलन किया, जो सोनिया गांधी के कांग्रेस काल में सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे, उन्हें लेकर राहुल गांधी नरम क्यों हो गए हैं. क्या मैसेजिंग है इसके पीछे और कांग्रेस के भीतर भी इसे लेकर एक डिवीज़न, एक असहमति क्यों दिखती है, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में. 

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चंदा कोच्चर: अर्श से फर्श तक

देश का बड़ा प्राइवेट बैंक है - ICICI. इसकी पूर्व CEO और MD रहीं चंदा कोच्चर और उनके पति दीपक कोच्चर को सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था. आज इसी मामले में सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार कर लिया. Quid - Pro - Quo ( Kwid Pro Kwah , ये एक लैटिन फ्रेज है, जिसका मतलब होता है something for something) डील कहलाने वाले इस फ्रॉड में चंदा कोच्चर पर आरोप है कि उन्होनें बैंक में अपनी पोजीशन का फायदा उठाकर वीडियोकॉन कंपनी के मालिक वेणुगोपाल धूत को 6 किश्तों में 3250 करोड़ रुपयों का लोन दिया. इस लोन को बाद में NPA यानी नॉन पर्फोरमानिंग एसेट घोषित कर दिया गया था. सीबीआई की 2019 में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, इस लोन के 6 महीने के बाद धूत ने एक रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी Nupower की अपनी हिस्सेदारी को दीपक कोच्चर के नाम कर दिया था. यहाँ आपको बता दें कि Nupower धूत और दीपक, दोनों की बराबर की हिस्सेदारी वाली एक कंपनी है जिसे इन दोनों ने 2008 में शुरू किया था. तो ये इस कहानी का एक छोटा सा हिस्सा है. इसकी और बारीकियां क्या है, चंदा कोच्चर के अर्श से फर्श तक पहुँचने की कहानी क्या है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में. 

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कब तक बनी रहेगी ठंड

आज उत्तर भारत के कई शहरों में 26 दिसंबर की तारीख़ लिहाफ ओढ़कर दाख़िल हुई. हवाओं में कुछ ज़्यादा ही सर्दी थी. दिल्ली में कल मैक्सिम्म टैम्परेचर 16 डिग्री रहा जो कि नॉर्मल से 5 डिग्री कम है, वहीं मिनीमम टैम्परेचर 3 डिग्री दर्ज किया गया. कोहरे की वजह से कई ट्रेनें रद्द रहीं.  उधर कश्मीर में भी डल झील के साथ-साथ कई वाटर सप्लाई की लाइन्स भी जम गईं. राजस्थान में भी तापमान गिरा और माउंट आबू में तो इतना गिरा कि सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के शीशे पर बर्फ की परत जम गई. राजस्थान के चुरू में तो पारा ज़ीरो डिग्री को छू गया. भारत ही नहीं, अमेरिका और जापान में भी सर्दी का सितम ज़ोरों पर है, अमेरिका के बर्फ़ीले तूफान में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है और बर्फ़बारी के चलते 7 लाख घरों की बिजली-बत्ती गुल है. जापान में भी 17 दिसंबर से अब तक ठंड के कारण 14 लोगों की मौत हो गई है. तो मौसम के इस मुसलसल बदलते मिज़ाज़ को कैसे देखा जाए? इस बार ठंड इतनी लेट क्यों पड़ी, अचानक ही इतनी कैसे बढ़ गई और नए साल में कैसा रहेगा ठंड का हाल, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.

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खेल के लिए कैसा रहा ये साल

साल 2022 क़रीब-क़रीब ढलान पर है. भारतीय खेल के लिए ये साल कुछ खट्टे और कुछ मीठे अनुभव लेकर आया. कई खेलों में भारत का प्रर्दशन शानदार रहा और कुछ मोर्चों पर मायूसी भी हाथ आई. टी20 वर्ल्ड कप से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे बड़े इवेंट्स हुए इस साल. बैडमिंटन से लेकर कुश्ती में कई मेडल्स आये. अंडर – 19 क्रिकेट में भारत यश ढुल की कप्तानी में पांचवी बार वर्ल्ड कप विजेता बना. महिला क्रिकेट के लिए भी ये साल शानदार रहा जिसमें पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता. तो साल 2022 में किन खेलों में भारत ने इस साल झंडे गाड़े और कहाँ निराश होना पड़ा, इन सब पर बातचीत, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.
 

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