राजस्थान के दौसा में डेढ़ वर्ष की मासूम 7 घंटे तक 90 फीट गहरे बोरवेल में फंसी रही. लाखों लोगों की प्रार्थना और उम्मीद ने रंग दिखाया और एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची अंकिता को सकुशल बाहर निकाल लिया. बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घटना गुरुवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे दौसा जिले के बांदीकुई उपखंड के जस्सापाड़ा गांव में हुई थी. मासूम बच्ची खेलते हुए बोरवेल में गिर गई. इसकी सूचना पर पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए. सबसे पहले घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया.
इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम को भी सूचना दी गई. अजमेर से एनडीआरएफ की टीम शाम करीब साढ़े 5 बजे मौके पर पहुंची और एक घंटे के प्रयास के बाद करीब साढ़े 6 बजे मासूम अंकिता को सकुशल बाहर निकाल लिया गया.
दौसा में मुख्यमंत्री का दौरा भी था. ऐसे में पुलिस और प्रशासन के लिए दोनों जगहों पर व्यवस्थाएं करना बड़ी चुनौती थी. मगर, बोरवेल हादसे के बाद कुछ ही मिनटों में पुलिस और प्रशासन की टीमें पहुंची और मुख्यमंत्री का दौरा भी कराया. जैसे ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लालसोट पहुंचे, उन्होंने भी बोरवेल हादसे की जानकारी ली.
सीएम ने NDRF और प्रशासन को दी बधाई
बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाले जाने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर एनडीआरएफ और दौसा जिला प्रशासन को बधाई दी. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि दौसा जिले में पहली बार कोई मासूम की सांसे अटकी हों.
इससे पहले भी करीब एक दर्जन घटनाएं दौसा जिले में हो चुकी हैं, जिसमें अनेक मासूमों की जान जा चुकी है. कई मासूमों ने जिंदगी की जंग जीती भी है. मगर, इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे.