भारतीय फार्माकोपिया आयोग के सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी को भारत का नया ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) नियुक्त कर दिया गया है. इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी कर दिया गया. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले महीने डीसीजीआई के पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी.
आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) में ड्रग कंट्रोलर (इंडिया) के पद पर नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
आदेश के तहत यह नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने के दिन से 28 फरवरी 2025 को सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगी. वह डॉ. वी जी सोमानी का स्थान लेंगे. इनका कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो गया था. इसके बाद डॉ पी बी एन प्रसाद को 16 से 28 फरवरी तक पद का प्रभार दिया गया था.
दो बार बढ़ाया गया था सोमानी का कार्यकाल
डॉ. सोमानी को 14 अगस्त, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए DCGI नियुक्त किया गया था. उन्होंने 16 अगस्त को कार्यभार संभाला था. उनका कार्यकाल दो बार - 16 अगस्त और 16 नवंबर, 2022 को तीन-तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था.
डीसीजीआई केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) का प्रमुख होता है, जो देश भर में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है. इसके पास नई दवाओं को मंजूरी देने और क्लीनिकल ट्रायल को विनियमित करने का भी अधिकार होता है.
बीएचयू से राजीव रघुवंशी ने किया था यूजी-पीजी
डॉ. रघुवंशी 16 फरवरी, 2021 को आईपीसी में सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक के रूप में शामिल हुए थे. उन्होंने IIT-BHU (पूर्व में IT-BHU), वाराणसी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन और नई दिल्ली के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी से पीएचडी की थी.
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी में सात साल तक काम करने के बाद डॉ. रघुवंशी भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड में शामिल हो गए. रैनबैक्सी प्रयोगशालाओं में 12 साल काम करने के बाद वह हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड चले गए. यहां इन्होंने 11 साल काम किया.
उनके 200 से ज्यादा प्रॉडक्ट्स की कई देशों में हो रही बिक्री
डॉ. रघुवंशी की विशेषज्ञता मुख्य रूप से फार्मास्युटिकल इनोवेशन के क्षेत्र में डोज फॉर्म डिजाइन और विकास में है. वह कई तरह के प्रॉडक्ट के विकास में शामिल रहे हैं. उनके और उनकी टीमों द्वारा विकसित 200 से अधिक उत्पाद वर्तमान में भारत, अमेरिका, यूरोप के बाजारों में बेचे जा रहे हैं.
डॉ. रघुवंशी के पास 250 से अधिक प्रकाशित पेटेंट सहयोग संधियों और भारतीय पेटेंट के साथ 14 स्वीकृत अमेरिकी पेटेंट हैं. पीयर-रिव्यू जर्नल्स में उनके 25 से अधिक शोध प्रकाशित हो चुके हैं.साथ ही उन्होंने पुस्तकों में छह अध्यायों का सह-लेखन किया है. उनके योगदान के लिए डॉ रेड्डीज लैब्स ने उन्हें दो बार "डॉ रेड्डीज एक्सीलेंस अवार्ड" से सम्मानित किया है.