रजनीकांत की पत्नी लता को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ जालसाजी का मामला बहाल कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अभिनेता रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत के खिलाफ आपराधिक आरोपों को खारिज कर दिया गया था.
इससे कर्नाटक के बेंगलुरु में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 199, 196, 420 और 463 के तहत आपराधिक मुकदमे का रास्ता खुल गया है.
क्या है मामला
कथित धोखाधड़ी का मामला सुपरस्टार रजनीकांत अभिनीत तमिल फिल्म कोचादियान से जुड़ा हुआ है. इसे सौंदर्या रजनीकांत द्वारा निर्देशित और मीडियावन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड द्वारा नियंत्रित किया गया था. सौंदर्या एक्टर रजनीकांत की बेटी हैं.
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याचिकाकर्ताओं, एड ब्यूरो के अबीरचंद नाहर और मधुबाला नाहर के अनुसार, उन्होंने फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन के लिए परियोजना में 10 करोड़ रुपये का निवेश किया था. वे तमिलनाडु बाजार में संग्रह के 20 प्रतिशत अधिकार और 12 प्रतिशत कमीशन के हकदार थे.
याचिकाकर्ता एड ब्यूरो ने आरोप लगाया कि निर्माता मीडियावन ग्लोबल एंटरटेनमेंट ने वित्तीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं किया. इसमें आरोप लगाया गया कि लता ने पोस्ट प्रोडक्शन कंपनी को उसका हक नहीं दिया जबकि इस पर दोनों के बीच सहमति बनी थी.
कर्नाटक में दर्ज हुई थी FIR
कर्नाटक पुलिस ने लता के खिलाफ आईपीसी की चार आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी. हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट ने 2022 में लता के खिलाफ धोखाधड़ी और झूठे सबूत देने के मामलों को रद्द करके उन्हें राहत दी थी.
आज सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ सभी चार आपराधिक धाराओं को फिर से बहाल कर दिया, जिससे उसके मुकदमे का रास्ता साफ हो गया.