राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड मामले में 3 और लोगो को गिरफ्तार किया गया है. आरएमसी के चीफ फायर ऑफिसर इलेश खैर, डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर भीखाभाई ठेबा और फेब्रिकेशन का काम करने वाले सुपरवाइजर महेश राठौड़ की गिरफ्तारी शनिवार को की गई है. राजकोट टीआरपी गेम जोन में 25 मई को आग लगी थी. उससे पहले भी एक बार गेम जोन में आग लगने की घटना सामने आ चुकी थी.
क्यों हुई गिरफ्तारी?
इसके बारे में आरएमसी के चीफ फायर ऑफिसर इलेश खैर और डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर भीखाभाई ठेबा को जानकारी थी. इसके बावजूद गेम जोन में फायर NOC और फायर सामग्री है या नहीं, इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए इन दोनों की गिरफ्तारी की गई है.
अब तक कुल 15 लोगों की गिरफ्तारी
वहीं, गेम जोन में स्नो पार्क के लिए वेल्डिंग का काम चल रहा था और इस काम में सुपरवाइजर महेश राठौड़ की लापरवाही साबित होने की वजह से गिरफ्तारी की गई. इसी के साथ अब राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड मामले में कुल 15 लोगों की अब तक गिरफ्तारी की जा चुकी है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने की पीड़ितों से बातचीत
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजकोट (गुजरात) के टीआरपी गेम जोन आग हादसे में मारे गए लोगों के परिवार से बातचीत की. ये हादसा बीते महीने 25 मई को हुआ था. जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें चार बच्चे भी शामिल थे. राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया और परिवारों को कांग्रेस पार्टी के समर्थन का आश्वासन दिया.
30 मिनट तक हुई बातचीत
यह बातचीत पथिक आश्रम में हुई और लगभग आधे घंटे तक चली. राहुल गांधी के साथ दिल्ली में कांग्रेस के गुजरात इकाई अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल भी मौजूद रहे. राजकोट में पीड़ितों के परिवारों के साथ गुजरात कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी और पार्टी नेता लालजी देसाई मौजूद थे.
25 जून को राजकोट बंद का आह्वान
इस घटना के प्रतिक्रिया स्वरूप, कांग्रेस ने 25 जून को 'राजकोट बंद' का आह्वान किया है, जिसमें पीड़ितों के परिवारों के लिए भाजपा सरकार से बड़े मुआवजे की मांग की गई है. पीड़ितों के रिश्तेदारों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जनता और दुकानदारों से अपील की है कि वे अपने व्यवसाय बंद करके बंद का समर्थन करें.
15 जून को, कांग्रेस सदस्यों, जिनमें नव निर्वाचित सांसद गिनी ठाकर भी शामिल थे, उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के समर्थन में और सरकार की स्थिति की आलोचना करते हुए शहर के पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.