scorecardresearch
 

AAP से इस्तीफा देने वाले राजकुमार के ठिकानों पर 23 घंटे चली थी ED की रेड, जानें क्या है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता राज कुमार आनंद के आवास पर तलाशी ली थी. उस दौरान दिल्ली भर में विभिन्न स्थानों पर 12 परिसरों पर छापेमारी हुई थी. यह तलाशी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दायर शिकायत के आधार पर की गई थी.

Advertisement
X
आप नेता राजकुमार आनंद ने पार्टी छोड़ दी है
आप नेता राजकुमार आनंद ने पार्टी छोड़ दी है

आम आदमी पार्टी की मुश्किलें समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं. बुधवार शाम को पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने पार्टी छोड़ दी और अपने मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस्तीफा देते हुए पार्टी पर भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए हैं. राजकुमार आनंद ने कहा कि, भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी की जो नीति है, उससे वह सहमत नहीं है.

Advertisement

बीते साल ईडी ने मारा था छापा
बता दें कि बीते साल नवंबर में जब ईडी ने सीएम केजरीवाल को जब शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया था तो इससे ठीक पहले ईडी ने मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर छापा मारा था. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार मंत्री राजकुमार आनंद के घर पर छापेमारी के पहुंची थी. ईडी की टीम मंत्री के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 12 जगहों पर छानबीन की थी. सामने आया था कि, ईडी की टीम ने राजकुमार आनंद के बिजनेस से जुड़े मामले में छापेमारी की थी. राजकुमार आनंद पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का भी शक था. इस छापेमारी को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था.

12 स्थानों पर ईडी ने ली थी तलाशी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता राज कुमार आनंद के आवास पर तलाशी ली थी. उस दौरान दिल्ली भर में विभिन्न स्थानों पर 12 परिसरों पर छापेमारी हुई थी. यह तलाशी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दायर शिकायत के आधार पर की गई थी, जिसमें 7 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा शुल्क चोरी और अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के लिए आयात पर झूठी घोषणाओं का आरोप लगाया गया था. कोर्ट ने इस शिकायत पर संज्ञान लिया था.

Advertisement

उसी दिन ईडी ने सीएम केजरीवाल को भेजा था समन
आनंद के घर पर छापेमारी ऐसे समय हुई थी, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले में ईडी समन में शामिल नहीं हुए थे. उस दौरान केजरीवाल के सहयोगी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और दिल्ली के पूर्व मंत्री संजय सिंह भी शराब नीति मामले में जेल में ही थे, हालांकि अब संजय सिंह बाहर आ चुके हैं.

इस्तीफे के बाद क्या बोले राजकुमार आनंद
राजकुमार आनंद का कहना है कि वह पार्टी में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे, अब वह इस बात से निराश हैं कि पार्टी खुद ही भ्रष्टाचार के जाल में फंस गई है. उन्होंने रामलीला मैदान में खड़े होकर कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा, लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज राजनीति नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गया. उन्होंने कहा कि इस्तीफा सीएम ऑफिस भेज दिया है. मेरे लिए मंत्रीपद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है. 

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की कोई नैतिकता बची है. बाबा साहेब के आदर्शों के कारण मैं पार्टी के साथ आया था, लेकिन इस पार्टी में दलित आदि का सम्मान नहीं है. इसमें कहीं भी दलित व पिछड़े का प्रतिनिधित्व नहीं है. इन कारणों से मेरा इस पार्टी में रहना मुश्किल हो गया है, इसलिए मैं पार्टी और अपने मंत्री पद दोनों से इस्तीफा दे रहा हूं.'

Advertisement

वहीं आजतक से बात करते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि, मैं अपने आपको भारी महसूस कर रहा था, लेकिन अब इस्तीफे के बाद काफी हल्का महसूस कर रहा हूं. मैं कोई पार्टी नहीं जॉइन करना चाहता हूं. राजनीति में आने की वजह पैसा या नाम कमाना नहीं थी. मैं ये साफ कर रहा हूं कि, आपको हल्का महसूस करना चाह रहा हूं. मुझे कोई ऑफर नहीं दे रहा है. 

कौन हैं राजकुमार आनंद? 
राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे. इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को कैबिनेट में शामिल किया गया था. बता दें बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी, जहां राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था और राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था.

Live TV

Advertisement
Advertisement