भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद से इतर शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में अहम बैठक की. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे. इस दौरान लद्दाख सीमा पर मौजूदा हालात और आगे की रणनीति पर मंथन किया गया.
शुक्रवार को हुई ये बैठक करीब दो घंटे तक चली. जिसमें विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद किस तरह बातचीत को आगे बढ़ाना है, इसपर मंथन हुआ. साथ ही अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक या दो दिनों में लद्दाख सीमा पर कॉर्प्स कमांडर लेवल की बातचीत हो सकती है.
इस दौरान चर्चा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हुए, जो चीन के साथ बॉर्डर विवाद पर चर्चा के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि भी हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को ही रूस के मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी. दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयान में बातचीत के जरिए टेंशन को कम करने, सैनिकों की संख्या घटाने और मिलिट्री-डिप्लोमेटिक चैनल को खुला रखने की बात कही गई है.
गौरतलब है कि 29-30 अगस्त के बाद से चीन ने कई बार बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश की है. जिसके बाद हालात बिगड़े हैं, हालांकि इस दौरान भारतीय सेना ने कई पहाड़ियों पर अपना कब्जा कर लिया है और अब फिंगर चार तक पहुंच बना ली है.
लेकिन इसी तनाव को कम करने के लिए बातचीत का रास्ता फिर से शुरू किया जा रहा है. भारतीय सेना ने अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा दिया है, साथ ही बॉर्डर पर अब बोफोर्स तोपों को भी तैनात किया गया है. दूसरी ओर चीन ने भी अपनी तरफ सेना की मौजूदगी बढ़ाई है और सैनिकों की संख्या करीब पचास हजार तक पहुंच गई है.