पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित में एक रैली के दौरान गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है. इमरान ने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता और एकजुटता को बनाए रखने के लिए आर्मी का मजबूत होना बेहद जरूरी है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस फैसले को लेकर उनकी कड़ी निंदा की है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आजतक की सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर श्वेता सिंह से बात करते हुए कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरा PoK भारत का अभिन्न अंग है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गिलगित-बाल्टिस्तान मामले को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है. पाकिस्तान अब गिलगित-बाल्टिस्तान को राज्य बनाने जा रहा है. हमारी सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरा PoK भारत का अभिन्न अंग है.
उन्होंने आगे कहा कि हम लोग नहीं चाहते थे भारत का विभाजन हो, लेकिन हो गया. जो हिंदू-सिख-बौद्ध पाकिस्तान में रह गए और उनके साथ कैसा सुलूक होता रहा है, इसकी जानकारी आपको भी है. हमने वहां पर मजहबी उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता कानून बनाया.
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमें रिपोर्ट मिली है कि गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में 15 नवंबर 2020 को विधानसभा चुनाव करवाए जा रहे हैं. भारत सरकार ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है. हमने पाकिस्तान सरकार के सामने अपनी बात दोहराते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा पूरा इलाका भारत का है. इसी के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत भी भारत के हिस्से में आता है. इसलिए पाकिस्तान को भारत के इस क्षेत्र पर अवैध और बलपूर्वक कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है.
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की है. उन्होंने गिलगित में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान सरकार के फैसले का ऐलान किया. इमरान ने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता और एकजुटता को बनाए रखने के लिए आर्मी का मजबूत होना बेहद जरूरी है.
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जाहिर है पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना इलाका बताता रहा है. लेकिन भारत ने सभी मंचों से यह स्पष्ट किया है कि यह हिस्सा भारत का है जिसपर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है. भारत का यह भी तर्क है कि अगर गिलगित-बाल्टिस्तान उनका होता तो पाकिस्तान इसे पांचवां प्रांत घोषित करता और इलाके में अपना संविधान लाता.
बता दें, पाकिस्तान में कुल चार प्रांत हैं- बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध. इमरान खान इसी तर्क के तहत इस इलाके में चुनाव करवाकर अपना संविधान लागू करना चाहते हैं.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
ब्रिटेन ने सन 1935 में इस क्षेत्र को लीज पर गिलगित एजेंसी को दे दिया था. जिसके बाद 1947 में जब देश आजाद हुआ तो अंग्रेजों ने इस इलाके को जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया. बाद में राजा हरि सिंह ने 31 अक्तूबर 1947 को पूरे जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में कर दिया.
इसके बाद गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान ने 2 नवंबर 1947 को विद्रोह कर दिया. पाकिस्तान ने मौके का फायदा उठाते हुए हमला कर दिया और इलाके पर अपना कब्जा जमा लिया.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा सीजफायर घोषित करने के बाद से पाकिस्तान इस इलाके पर अपना कब्जा जताता रहा लेकिन भारत हमेशा इसे अपना क्षेत्र बताता रहा है.