सुरक्षाकर्मी राजौरी जिले के डेरा की गली वन क्षेत्र में कल से ही तलाशी अभियान चला रहे हैं, जहां गुरुवार शाम हुए आतंकी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए जिनका इलाज अर्मी बेस हॉस्पिटल में चल रहा है. भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने इलाके में आतंकियों की तलाश के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया है.
घने जंगलों में ग्राउंड सर्च के अलावा आसमान से हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए निगरानी हो रही है. राजौरी के थानामंडी में कल आतंकियों ने जवानों को ले जा रहे सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था. सेना के एक अधिकारी ने बताया, '21 दिसंबर को दोपहर करीब 3.45 बजे, सेना के दो वाहन सैनिकों को लेकर ऑपरेशनल साइट की ओर जा रहे थे, जिस पर आतंकवादी ने गोलीबारी की. हमारे सैनिकों ने तुरंत गोलीबारी का जवाब दिया'.
ये सैनिक कल शाम से इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के संयुक्त अभियान को मजबूत करने जा रहे थे. यह ऑपरेशन 48 राष्ट्रीय राइफल्स की निगरानी वाले क्षेत्र में हो रहा है. राजौरी में डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर जिस तरह सेना की गाड़ियों पर हमले को अंजाम दिया गया है, उससे प्रतीत होता है कि आतंकियों ने रेकी की थी. वे खुद पहाड़ी के ऊपर सुरक्षित हो गए और वहां से सेना के वाहनों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.
जहां हमले को अंजाम दिया गया वहां अंधा मोड़ (Blind Curve) और ऊबड़-खाबड़ सड़क होने के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है. हमले में शहीद सेना के जवानों के हथियार गायब मिले. आशंका है कि आतंकी हथियार अपने साथ ले गए होंगे. घटनास्थल से सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और गोलियों से छलनी 2 वाहन बरामद हुए. पिछले महीने राजौरी जिले के बाजीमल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में ऐसे ही हमले में सेना के दो कैप्टन समेत पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. बाद में इस हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर क्वारी मुठभेड़ में मारा गया था.