राज्यसभा में शुक्रवार को हल्के-फुल्के पल देखने को मिले, ठहाके गूंजे तो साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तल्खी भी. आसन पर मौजूद सभापति जगदीप धनखड़ भी एक बार विपक्ष पर इतना भड़के कि अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दे दी. सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के सदस्यों से 10 साल की सरकार की याद दिलाते हुए कहा कि मेरा मुंह मत खुलवाइए, बहुत कुछ कह सकता हूं. ये वाकया तब हुआ जब राज्यसभा में किसानों से जुड़े एक सवाल का कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जवाब दे रहे थे.
हुआ यह कि एमएसपी को लेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. शिवराज ने यूपीए सरकार और एनडीए की सरकार के समय एमएसपी के साथ ही खरीद के आंकड़े गिनाए और एमएसपी को लेकर कानून पर कहा कि समिति की सिफारिश पर कार्रवाई की जाएगी. शिवराज के संबोधन के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने एमएसपी पर लीगल गारंटी की मांग करते हुए हंगामा करने लगे. सत्ता पक्ष के सदस्यों भी जवाब में हंगामा शुरू कर दिया. इस पर सभापति ने दोनों पक्ष के सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि कमाल की बात है, किसान की चर्चा हो रही है, इतनी बड़ी संसद है और चर्चा को दोनों तरफ से बाधित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि चर्चा कीजिए, विचार लाइए. भारत किसान प्रधान देश है. सदन के अंदर किसान की चर्चा के समय इतनी गुजारिश करूंगा. इस दौरान जयराम रमेश ने कुछ कहा. सभापति ने कहा कि जयराम रमेश, आप किसान के बारे में क्या जानेंगे. आपको किसान का क-ख नहीं पता है. इस पर रणदीप सुरजेवाला ने कुछ कहा. सभापति ने सुरजेवाला को टोकते हुए कहा कि किसान की सेवा करने का ये तरीका नहीं है. सभापति ने कहा कि किसान परिवार से आता हूं. किसान की पीड़ा जानता हूं. मंत्री बोल रहे हैं और आप खड़े हो जा रहे हैं. ये कौन सा तरीका है.
उन्होंने कहा कि मंत्रीजी कह रहे हैं कि हर दिन, हर पल वो कार्यरत हैं. किसी समिति का इंतजार नहीं कर रहे हैं. किसान के मामले में चर्चा कीजिए, अन्नदाता की इज्जत कीजिए. तमिलनाडु के सांसद एम शनमुगम ने चाय और कॉफी को लेकर एमएसपी पर सवाल किया. इस पर शिवराज ने कहा कि एमएसपी अभी 23 फसलों पर दी जा रही है. चाय-कॉफी का विषय पीयूष गोयल का मंत्रालय देखेगा. सभापति जगदीप धनखड़ ने पीयूष गोयल को बुलाकर टी बोर्ड,कॉफी बोर्ड को लेकर बातचीत का उल्लेख किया और कहा कि इससे संबंधित विषय आएंगे तो स्वागत करूंगा.
10 साल में कौन सी छलांग लगा दी?
विपक्ष के सदस्यों ने एमएसपी को लेकर हंगामा जारी रखा. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुझे अपने पावर का उपयोग करने के लिए इनवोक किया जा रहा है. आप किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं. उन्होंने रणदीप सुरजेवाला से आदत बदलने के लिए कहा और ये भी जोड़ा कि आपसे ज्यादा किसान हूं मैं. किसान की चर्चा है, आप नहीं करना चाहते मत कीजिए. सभापति धनखड़ ने कहा कि आप किसान का अनादर कर रहे हैं, छूरा घोप रहे हैं.आप किसान का अनादर कर रहे हैं, राजनीति कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: एमएसपी पर कानून बनाएगी सरकार? कृषि मंत्री शिवराज ने संसद में दिया ये जवाब
उन्होंने कहा कि पहली बार एक मंत्री ने दिल से किसान की बात की है. किसान की पीड़ा को समझा है. उन्होंने विपक्षी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा- आपसे हाथ जोड़कर विनती है, बैठ जाइए. दुखी मन से कह रहा हूं कि रणदीप सुरजेवाला ये संकेत देना चाहते हैं कि मैं हितैषी हूं. हितैषी नहीं हैं, दुश्मनी निकाल रहे हैं. सभापति ने कहा कि किसान से आपका क्या वैर है, प्लीज मुझे बताइए. आप तो 10 साल सरकार में रहे हैं. 10 साल में क्या कर दिया आपने, छलांग लगा दिया क्या कोई. अपने गिरेबान में झांकिए. मेरा मुंह मत खुलवाइए. बहुत कुछ बोल सकता हूं. उन्होंने कहा कि किसान के मामले में नहीं होने दूंगा मैं ये. किसान की चर्चा होगी.
सभापति ने सुरजेवाला को किया नेम
सभापति जगदीप धनखड़ ने सुरजेवाला को नेम करते हुए कहा कि तुरंत हाउस से बाहर जाएं. आप चेयर को डिफाई कर रहे हैं, किसान हित की चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. ये पीड़ादायक है. रणदीपजी प्लीज विदड्रॉ. इसके बाद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सुरजेवालाजी को एक सवाल एमएसपी को लेकर करने की इजाजत दे दीजिए.
यह भी पढ़ें: संसद में उठा कर्नाटक की महर्षि वाल्मीकि सोसाइटी में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा, दोनों सदनों में हंगामा
सभापति ने कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह से हल्के अंदाज में कहा कि महादेव की कृपा से आप दिखे तो मुझे महादेव भी याद आ गए. थोड़ी कृपा किसान पर भी कीजिए. उन्होंने प्रमोद तिवारी से कहा कि ये कौन सा तरीका है कि एक आदमी सप्लीमेंट्री पूछता है और सुरजेवालाजी हर बार खड़े हो जाते हैं. व्यवधान करने वाले को प्रोत्साहित करूंगा, ऐसा मैं नहीं करूंगा. सभापति ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि क्या आप गनपॉइंट पर सप्लीमेंट्री लेंगे? ऐसा नहीं होगा.