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'आप ही मेरा मार्गदर्शन करें', प्रोफेसर रामगोपाल यादव से क्यों बोले सभापति जगदीप धनखड़

Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा में मंगलवार को एक वक्त ऐसा भी आया जब सभापति जगदीप धनखड़ ने समाजवादी पार्टी के सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव से कहा- आप ही मेरा मार्गदर्शन करिए.

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Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar, Ram Gopal Yadav
Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar, Ram Gopal Yadav

राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को हल्के-फुल्के पल भी आए जब छह दिन की तल्खी के बाद सदन हंसी के ठहाकों से गुलजार नजर आया. इसी दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब सभापति जगदीप धनखड़ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव से कहा कि आप मार्गदर्शन दीजिए. सभापति जगदीप धनखड़ नियम 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर मिले नोटिस का उल्लेख कर रहे थे. राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर सदस्यों ने कुल 42 नोटिस दिए थे.

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सभापति के कहने पर प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि सर संभल के मामले में. प्रोफेसर यादव इतना ही बोल सके थे कि सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा कि नहीं नहीं, मेरा पहले मार्गदर्शन कीजिए. आपको बोलने दूं तो और लोग भी बोलेंगे. मेरा निर्णय आ चुका है. आपसे भी अनुरोध कर चुका हूं. मेरा आग्रह ये है कि एक ही सदस्य ने 267 में कई नोटिस दिए हैं. मुझे नहीं पता कौन सा स्वीकार करूं. असंभव है कि एकसाथ उसको चार बोलने दूं. दूसरा, काफी सदस्यों की संख्या है जिन्होंने शून्यकाल में भी वो दे रखा है. मेरा आपसे अनुरोध रहेगा, शून्यकाल में हम इसे समायोजित करेंगे.

सभापति के इतना बोलने पर प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि एक सेकंड तो मुझे सुन लें. आप तो सर्वज्ञ हैं. आप सब जानते हैं. मेरी बात तो जरा सुन लीजिए. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि समानता के सिद्धांत का उल्लंघन हो जाएगा. मैं आपको शून्यकाल में बुलाता हूं. इस पर प्रोफेसर यादव ने कहा कि शून्यकाल में नंबर एक पर बुलाइए. संभल में गोलियां चली हैं. सभापति ने सपा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव को शून्यकाल में बुलाया.

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प्रोफेसर यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 19 नवंबर को एक वकील साहब ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट के यहां एक वकील साहब ने अर्जी दी, पांच सौ साल पुरानी एक मस्जिद है, उसके सर्वे के लिए. दो घंटे के अंतर सर्वे भी हो गया और शांतिपूर्ण तरीके से हो गया. अगले दिन सुबह पांच बजे छावनी बना दिया गया संभल को. लोगों को पता ही नहीं था इतनी पुलिस क्यों लगाई जा रही है. थोड़ी देर बाद डीएम-एसपी, याचिकाकर्ता और कुछ लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए गए और मस्जिद में प्रवेश कर गए.

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उन्होंने कहा कि एसडीएम ने पानी की टैंक खोल दी जिसके बाद लोगों को संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ी हो रही है. उसके बाद अशांति हुई. पुलिस ने गोली चलाई. पांच लोग मारे गए और 20 लोग घायल हुए हैं. सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे कायम हुआ और उन्हें पकड़ लिया गया. वे जेल में हैं और उन्हें मारा गया.

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प्रोफेसर यादव ने कहा कि मेरा और लोगों का ये मानना है, इससे पहले उत्तर प्रदेश में जो चुनाव हुए थे, उसमें बगल के जिलों में पुलिस ने किसी को वोट डालने नहीं दिया था और जबरदस्ती चुनाव कब्जा कर लिया था. उससे ध्यान बंटाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से ये सब हुआ और उसका प्रमाण ये है कि जो कमेटी सरकार ने बनाई. रामगोपाल यादव के इतना बोलते हुए सभापति ने उन्हें रोक दिया. सभापति ने कहा कि आपने अपनी बात रख ली.

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