राज्यसभा में गुरुवार को वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कुछ हल्के-फुल्के पल भी देखने को मिले. उच्च सदन में एक मौका ऐसा भी आया जब सभापति जगदीप धनखड़ ने आसन से चुटकी लेते हुए कहा कि आप पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि मेरे यहां पर किसी प्रकार का टैक्स डिडक्शन नहीं होगा. मैं वैसे ही पास कर दूंगा, जैसे आएगा. सभापति की इस बात पर विपक्ष के सदस्य भी मुस्कराते नजर आए.
दरअसल, राज्यसभा में वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा चल रही थी. चर्चा के दौरान बोलने के लिए कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला की बारी आई. राजीव शुक्ला ने अपनी बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देने के साथा शुरू की. उन्होंने कहा कि पहले तो वित्त मंत्री जी को बधाई, लगातार आठवीं बार आपने बजट पेश किया. आपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए निरंतरता के.
इस पर सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा कि राजीव जी, सब कुछ मेरे माध्यम से. इस पर राजीव शुक्ला ने कहा कि अच्छा, बधाई भी आपके माध्यम से. सभापति ने कहा कि बधाई भी मेरे माध्यम से और आप पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि मेरे यहां पर किसी प्रकार का टैक्स डिडक्शन नहीं होगा. सभापति की इस बात पर विपक्ष के सदस्य भी अपनी हंसी नहीं रोक सके.
यह भी पढ़ें: लोकसभा में नाम लिया किसी और का, बोलने लगा कोई और सांसद... फिर हुआ कुछ ऐसा
इसके बाद राजीव शुक्ला ने अपनी बात जारी रखी. इससे पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने जन्म से लेकर मृत्यु तक, सरकार की ओर से जीवन के एक-एक चरण में लगाए जाने वाले टैक्स गिनाए. उन्होंने तंज करते हुए इस जहां से उस जहां तक टैक्स मिलेगा.
यह भी पढ़ें: 'मुसलमानों के अधिकार को समानता के अधिकार में बदलिए', लोकसभा में निशिकांत दुबे की डिमांड
राघव चड्ढा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि इतना टैक्स लेने के बाद भी सरकारें हमें देती क्या हैं? ये टैक्स इकोनॉमी को बढ़ा रहे हैं या खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस देश में 80 करोड़ आबादी फ्री राशन पर जी रही है और इस आबादी से भी दिन प्रतिदिन जीएसटी ली जा रही है. सरकारें जनता का खून चूस रही हैं और इसकी वजह से उपभोग कम हो रहा है, मांग कम हो रही है और इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है.