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Rajya Sabha Election: कौन कितनी सीट जीतेगा, ये कैसे तय होगा? जानें राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का क्या है फॉर्मूला?

Rajya Sabha Election: राज्यसभा की 57 सीटों के लिए 10 जून को वोटिंग होनी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस 9 से 10 सीट जीत सकती है और बीजेपी को 22 सीट मिलने के आसार हैं. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का क्या होता है फॉर्मूला? जानें इस रिपोर्ट में...

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राज्यसभा की 57 में से 22 सीटें बीजेपी को मिलने के आसार हैं. (फाइल फोटो-PTI)
राज्यसभा की 57 में से 22 सीटें बीजेपी को मिलने के आसार हैं. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्यसभा की 57 सीटों पर होने हैं चुनाव
  • यूपी की 11 राज्यसभा सीटों पर है चुनाव
  • हर दो साल में होते हैं राज्यसभा चुनाव

Rajya Sabha Election: देश में 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए 10 जून को वोटिंग होगी. 

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सबसे ज्यादा 11 सीटें उत्तर प्रदेश से खाली हो रहीं हैं. वहीं, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की 6-6 सीटों पर चुनाव होगा. इनके अलावा बिहार की 5, कर्नाटक, आंध्र और राजस्थान की 4-4, ओडिशा और मध्य प्रदेश की 3-3, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा की 2-2, जबकि उत्तराखंड की एक सीट है.

राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं. इनमें से 238 सदस्य चुने जाते हैं, जबकि 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं. किस राज्य से कितने राज्यसभा सदस्य होंगे, ये वहां की आबादी के आधार पर तय होता है. जैसे, सबसे ज्यादा आबादी उत्तर प्रदेश की है, तो वहां 31 सीटें हैं. जबकि, कई छोटे-छोटे राज्यों में एक-एक ही सीट है. 

राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है. इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है. हर दो साल में इसके दो तिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है, इसलिए हर दो साल में इसका चुनाल होता है. इसका चुनाव भी अलग तरह से होता है. राज्यसभा के चुनाव में सभी राज्यों की विधानसभाओं के विधायक हिस्सा लेते हैं. इनमें विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं डालते. हालांकि, कुछ ही राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का एक फॉर्मूला होता है. 

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क्या है वो फॉर्मूला?

फॉर्मूला ये है कि किसी राज्य में कितनी राज्यसभा सीटें खाली हैं, उसमें 1 जोड़ा जाता है, फिर उसे कुल विधानसभा सीटों की संख्या से भाग दिया जाता है. इससे जो संख्या आती है, उसमें फिर 1 जोड़ दिया जाता है.

इसे ऐसे समझिए, जैसे अभी उत्तर प्रदेश में 11 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है. इसमें 1 जोड़ा तो हो गया 12. यूपी में विधानसभा सीटों की संख्या 403 है. अब 12 को 403 से भाग दिया तो संख्या आई 33. अब 33 में 1 को जोड़ा तो आया 34. यानी, राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत होगी. 

इसी तरह बिहार में 5 सीटों पर चुनाव होने हैं. यानी 243 विधानसभा सीटें हैं. अब 5 में 1 जोड़ा तो हो गया 6. अब इस 6 को 243 से भाग दिया तो आया 40. अब इसमें 1 को जोड़ दिया जाए तो होता है 41. यानी, बिहार में एक सीट जीतने के लिए 41 वोट की जरूरत है.

राज्यसभा चुनाव में विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करते हैं. एक विधायक एक ही बार वोट दे सकता है. विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देते हैं. उनको बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन. पहली पसंद के वोट जिसे मिलेंगे, उसे जीता माना जाता है. 

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अब जैसे यूपी में 11 सीटों पर चुनाव होने हैं. यूपी में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 273 विधायक हैं. यानी, बीजेपी 8 सीट जीत सकती है. वहीं, सपा और आरएलडी के पास 125 सीट हैं तो बाकी की तीन सीटें इनके पास जा सकती हैं. 

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ऐसे होता है चुनाव

राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की प्रक्रिया पूरी तरह अलग होती है. राज्यसभा चुनाव में बैलेट पेपर पर चुनाव निशान नहीं बल्कि कैंडिडेट के नाम होते हैं. बैलेट पेपर पर उम्मीदवार के नाम के सामने मुहर नहीं लगाना होता और न ही किसी तरह का स्केच पेन से मतपत्र पर मूल्यांकन कर मतदान करना होता है. मतदाता अन्य चुनावों में किसी एक प्रत्याशी को वोट देता है, लेकिन राज्यसभा चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वरीयता क्रम में वोट देने का विकल्प रहता है.

राज्यसभा चुनाव में मतदान केंद्रों पर चुनाव कर्मियों द्वारा जो पेन दी जाएगी, उसी के जरिए मतदाताओं को बैलेट पेपर में अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे अंक लिखकर मतदान करना होता है. चुनाव में किसी भी हाल में मतदाता बैलेट पर ना तो हस्ताक्षर कर सकेंगे, ना ही अंगूठे का निशान लगा सकेंगे. मतदाताओं के लिए स्पष्ट निर्देश होता कि वे यदि मतपत्र पर हस्ताक्षर करते हैं या अंगूठे का निशान लगाते हैं तो उनका मत बेकार चला जाएगा.

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किस राज्य में एक सीट जीतने के लिए कितने वोट की जरूरत?

1. उत्तर प्रदेशः 11 सीटों के लिए चुनाव हैं. एक सीट के लिए 34 वोट की जरूरत.

2. महाराष्ट्रः 6 सीटों पर चुनाव. एक सीट जीतने के लिए 42 वोट की जरूरत.

3. तमिलनाडुः 6 सीटों के लिए चुनाव. एक पर जीत के लिए 41 वोट चाहिए.

4. बिहारः 5 सीटों पर चुनाव है. एक सीट जीतने के लिए 41 वोट की जरूरत.

5. आंध्र प्रदेशः यहां 4 सीटों के लिए चुनाव हैं. एक सीट जीतने के लिए 36 वोट चाहिए.

6. कर्नाटकः यहां भी 4 सीटों पर चुनाव. एक सीट के लिए 45 वोटों की जरूरत.

7. राजस्थानः यहां पर भी 4 सीटों पर चुनाव. एक सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए.

8. मध्य प्रदेशः 3 सीटों पर चुनाव होने हैं. एक सीट के लिए 76 वोटों की जरूरत.

9. ओडिशाः यहां भी 3 सीटों पर चुनाव. एक सीट जीतने के लिए 38 वोट चाहिए.

10. पंजाबः 2 सीटों पर चुनाव होने हैं. एक सीट के लिए 40 वोट की जरूरत.

11. हरियाणाः 2 सीटों पर चुनाव हैं. एक सीट के लिए 31 वोट चाहिए.

12. झारखंडः यहां भी 2 सीट पर चुनाव होने हैं. एक सीट के लिए 27 वोट की जरूरत.

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13. छत्तीसगढ़ः यहां पर भी 2 सीट पर चुनाव हैं. एक सीट के लिए 31 वोट चाहिए.

14. तेलंगानाः 2 सीटों पर चुनाव है. एक सीट जीतने के लिए 30 वोट की जरूरत.

15. उत्तराखंडः सिर्फ एक सीट पर चुनाव होने हैं. उसे जीतने के लिए 36 वोट चाहिए.

वोटों की गिनती कैसे होगी?

एमएलसी चुनाव में वोटिंग की तरह मतगणना भी अलग होती है. मतदाता अन्य चुनावों में किसी एक प्रत्याशी को वोट देता है, लेकिन विधान परिषद चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वरीयता क्रम में वोट देना होता है. ऐसे में वोटों की गिनती भी इसी आधार पर होती है. 

क्या है राज्यसभा का इतिहास?

राज्यसभा का इतिहास 1919 से मिलता है. ब्रिटिश इंडिया में उस समय एक ऊपरी सदन बनाया गया था. तब इसे काउंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता था. आजादी के बाद 3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा का गठन किया गया. 23 अगस्त 1954 को इसका नाम काउंसिल ऑफ स्टेट से बदलकर राज्यसभा कर दिया गया.

 

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