मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडानी के मुद्दे पर भी हमला बोला. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि क्या जादू हुआ कि एक कारोबारी की संपत्ति इतनी बढ़ गई. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि इनके नेता की संपत्ति 16 गुना बढ़ गई. मल्लिकार्जुन खड़गे की इस बात पर सत्ता पक्ष के सदस्य भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया.
राज्यसभा के सभापति ने मल्लिकार्जुन खड़गे से ये आरोप ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि तीन कारणों से इसे ऑथेंटिकेट किया जाना चाहिए. खड़गे ने जमीन का मुद्दा भी उठाया जिसके बाद सभापति ने इसे ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा. खड़गे ने इसके जवाब में कहा कि ये कोर्ट का है. सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर कहा कि नहीं साहब, ये कोर्ट का नहीं है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा गुजरात में एक किसान को 31 पैसे बकाया के लिए एनओसी नहीं मिली. उन्होंने एनेक्सर सात के तहत पढ़ते हुए कहा कि धनकुबेरों के नौ हजार करोड़ माफ, किसान से 31 पैसे वसूलने पर अड़ा स्टेट बैंक. उन्होंने खबर पढ़कर सुनाई और कहा कि कोर्ट ने कहा कि 50 पैसे तक तो माफी है. मल्लिकार्जुन खड़गे की इस बात पर जगदीप धनखड़ ने इसे ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा.
राज्यसभा में में विपक्ष के नेता ने अडानी समूह को मिले काम गिनाए और कहा कि इनको पैसा तो पब्लिक सेक्टर ने दिए. हमारे ही पैसे से पब्लिक सेक्टर खरीदे. इससे सामान्य लोगों को जो नौकरियां मिलती थीं, वो सब टूट गईं. पब्लिक सेक्टर में रिजर्वेशन मिलता. उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर में 30 लाख नौकरियां हैं जिनमें 15 लाख तो रिजर्वेशन के तहत ओबीसी, एससी-एसटी को मिलते. खड़गे ने कहा कि क्यों नौकरी नहीं दे रहे. आप तो गरीबों के लिए ज्यादा काम करने वाले हो. प्राइवेट सेक्टर में पैसा भेज रहे हो. पब्लिक सेक्टर को मजबूत करो ना.
उन्होंने कहा कि अडानी के यहां 30 हजार लोग काम करते हैं फिर भी उसको प्रोत्साहन मिलता है. इसे लेकर विपक्ष के सांसदों ने हंगामा कर दिया. जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की और खड़गे की इस बात पर आपत्ति जताई. सभापति ने कहा कि भारत में ट्रांसपैरेंट सिस्टम है. आप क्या कहना चाहते हैं कि किसी को भी ऐसे ही कॉन्ट्रैक्ट दे दिए जाते हैं?