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सांसदों के सस्पेंशन पर बवाल, कांग्रेस बोली- बिना बात सुने हुआ एक्शन, ये लोकतंत्र की हत्या

किसान बिल को लेकर संसद से सड़क तक बवाल मचा हुआ है. राज्यसभा चेयरमैन ने सदन में हंगामा करने वाले आठ सांसदों को सस्पेंड कर दिया है, जिसपर अब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

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संसद में हुआ जमकर हंगामा
संसद में हुआ जमकर हंगामा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हंगामा करने वाले आठ सांसद हुए सस्पेंड
  • जयराम रमेश ने बताया गलत एक्शन

पिछले दो दिनों में देश की संसद में जबरदस्त हंगामा जारी है. रविवार को राज्यसभा में किसान बिल के मसले पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और इस दौरान वेल में आ गए. यहां तक कि उपसभापति की बेंच पर रखे कागज फाड़ दिए गए और माइक तोड़ दिया गया. इसी पर सोमवार को राज्यसभा चेयरमैन ने एक्शन लिया और आठ सांसदों को सस्पेंड कर दिया. लेकिन इस फैसले पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को फैसले पर सवाल खड़े करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि राज्यसभा में सांसदों को बिना सुने सस्पेंड कर दिया गया. बिना किसी वोट के और बिना विपक्ष के नेता को सुने हुए ये फैसला लिया गया. भारत में लोकतंत्र की हत्या लगातार जारी है. 

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दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी विपक्ष पर हमला करना जारी है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने लिखा कि डेरेक ओ ब्रायन का राज्यसभा से सस्पेंड होना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है. इससे उन्हें घर जाने का वक्त मिलेगा और अपनी सरकार की मदद कर पाएंगे. अगले साल विधानसभा चुनाव है और टीएमसी की बहुत बुरी हार होने वाली है. 

आपको बता दें कि रविवार को किसान बिल पर मंथन के दौरान विपक्ष के कई सांसदों ने राज्यसभा की वेल में हंगामा किया था. इस दौरान उपसभापति की टेबल पर रखे कागज फाड़े गए, माइक तोड़ दिया गया. आरोप लगाया गया कि रूल बुक को भी फाड़ दिया गया है.

सोमवार को इसी मामले में एक्शन लेते हुए राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, रिपुन बोरा, नजीर हुसैन, केके रागेश, ए करीम, राजीव साटव, डोला सेन को सस्पेंड कर दिया. हालांकि, सस्पेंशन के बाद भी सोमवार को ये सभी सांसद सदन में हंगामा करते रहे. 

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