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लोकसभा के बाद राज्यसभा के 34 विपक्षी सांसद भी हुए सस्पेंड, एक दिन में 67 सांसदों का निलंबन

इन 34 सांसदों को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है जबकि 11 सांसदों को प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया है. समिति तीन महीने के भीतर इस पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. सोमवार को राज्यसभा से 45 सांसदों पर गाज गिरी है.

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जयराम रमेश
जयराम रमेश

लोकसभा के बाद सोमवार को राज्यसभा से भी विपक्ष के 34 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है. इन सांसदों को सभापति की बात नहीं मानने पर सस्पेंड किया गया है. इस तरह देखा जाए तो लोकसभा के सोमवार को 

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राज्यसभा से विपक्ष के जिन 34 सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याग्निक, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदिमुल हक, एन. षणमुगम, नसीर हुसैन, फुलोदेवी नेताम, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सुरजेवाला, मौसम नूर, समिरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, कनिमोझी, फैयाज अमजद, मनोज झा, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चव्हाण, रामगोपाल योदव, जावेद अली खान, जोस के मणि, महुआ मांझी और अजीत कुमार शामिल हैं.

इन 34 सांसदों को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है जबकि 11 सांसदों को प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया है. समिति तीन महीने के भीतर इस पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. सोमवार को राज्यसभा से 45 सांसदों पर गाज गिरी है. इससे पहले राज्यसभा से एक सांसद डेरेक ओ ब्रायन पहले ही शीतकालीन सत्र समाप्त होने तक के लिए निलंबित किए गए थे. इस तरह कुल संख्या बढ़कर 46 हो गई. 

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संसद के शीतकालीन सत्र से विपक्षी सांसदों के निलंबन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह सही नहीं है कि वे सामूहिक रूप से सभी को सस्पेंड कर दें. अगर वे सोचते हैं कि सभा सुप्रीम हैं तो डरते क्यों हैं? अगर वे सभी सांसदों को सस्पेंड कर देंगे तो विपक्ष सदन में अपनी आवाज कैसे उठाएगा? सदन में तीन महत्वपूर्ण बिल पारित होने जा रेह हैं. लोकतंत्र में एक व्यवस्था होती है. लोगों की आवाज सदन में कौन उठाएगा? लोगों की आवाज घोंट दी गई है. पूरी तरह से विपक्ष को सस्पेंड कर सदन चलाना नैतिक रूप से सही नहीं है.   

लोकसभा से भी 33 सांसदों को किया गया था सस्पेंड

इससे पहले लोकसभा में हंगामा करने के लिए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी सहित विपक्ष के 33 सांसदों को सोमवार को सस्पेंड कर दिया है. इन सांसदों को सस्पेंड करने का प्रस्ताव संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया था, जिसे बाद में ध्वनिमत से मंजूर कर लिया गया. 

सोमवार को जिन 33 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया है, उनमें टी. सुमति, कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, अपारूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहम्मद बशीर, जी. सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, अधीर रंजन चौधरी, असीत कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटनी, एसएस पलानीमनिकम, अब्दुल खालिक, थिरुनावुक्करासर, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के.मुरलीधरन, सुनील मंडल, एस. रामालिंगम, के. सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई, टीआर बालू, के कानी नवास, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, के जयकुमार शामिल हैं.

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14 दिसंबर को भी हुए थे 14 सांसद सस्पेंड

इससे पहले 14 दिसंबर को कुल 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया था. इनमें से 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद था. इन्हें भी संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया था. 

उस समय मणिकम टैगोर, कनिमोझी, पीआर नटराजन, वीके श्रीकंदन, बेनी बहानन, के सुब्रमण्यम, एस वेंकटेशन और मोहम्मद जावेद को लोकसभा से सस्पेंड किया गया था. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन एकमात्र राज्यसभा सांसद थे, जिन्हें सस्पेंड किया गया था.

सांसदों को सस्पेंड करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले पर विपक्षी सांसद लगातार सदन में विरोध कर रहे हैं. 

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