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राज्यसभा में हंगामा करना विपक्षी सांसदों पर पड़ेगा भारी? नायडू बोले- जल्द होगा फैसला

सभापति और उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू जल्द ही कार्रवाई को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सदन चर्चा और बातचीत के लिए होता है और बाहर की राजनैतिक लड़ाई सभा पटल पर नहीं लड़ी जानी चाहिए. 

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Venkaiah Naidu
Venkaiah Naidu
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्यसभा में कुछ सांसदों ने किया था हंगामा
  • मार्शलों और सांसदों के बीच हुई थी धक्कामुक्की
  • ऐसे सांसदों के खिलाफ लिया जा सकता है एक्शन

पेगासस और कृषि कानून समेत कई मुद्दों पर संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया. सत्र को अनिश्चितकाल तक स्थगित किए जाने से पहले राज्यसभा में कुछ विपक्षी सांसदों पर अनियंत्रित व्यवहार करने का भी आरोप लगा. इस मामले को लेकर सदन के सभापति और उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू जल्द ही कार्रवाई को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सदन चर्चा और बातचीत के लिए होता है और बाहर की राजनैतिक लड़ाई सभा पटल पर नहीं लड़ी जानी चाहिए. 

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राज्यसभा में 10 और 11 अगस्त को कुछ विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया था. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए कुछ सांसदों और सदन में तैनात मार्शलों के बीच धक्कामुक्की की घटनाएं भी सामने आई थीं. विपक्षी सांसद ने मेज पर चढ़कर रूल बुक को भी आसन की ओर फेंक दिया था, जिसके बाद पूरे मामले पर बात करते हुए वेंकैया नायडू भावुक हो गए थे. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर संसद में नहीं बोलने देने का आरोप लगाया था. 

विपक्षी सांसदों के कथित अनियंत्रित हंगामे पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, ''सदन में विपक्ष और ट्रेजरी बेंच उनकी दो आंखों की तरह हैं और दोनों ही उनके लिए एक समान हैं.'' सभापति ने कहा कि दो आंखों से एक उचित दृष्टि संभव है और उन्होंने दोनों पक्षों को समान सम्मान दिया जाता है. ऐसे में कई अवसरों पर कहा भी है कि सदन के सही तरीके से चलने के लिए दोनों पक्षों की सामूहिक जिम्मेदारी थी.''

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वहीं, जब राज्यसभा के सभापति के सामने मीडियाकर्मियों ने सदन में लगातार व्यवधान का मुद्दा उठाया तो उन्होंने कहा कि सदन बहस और चर्चा के लिए होता है और बाहर की राजनीतिक लड़ाई 'सभा पटल' पर नहीं लड़ी जानी चाहिए. मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कुछ अनियंत्रित दृश्यों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किए जाने पर सभापति नायडू ने कहा कि इस पर विस्तृत विचार चल रहा है और जल्द से जल्द उचित फैसला लिया जाएगा.

इसके अलावा, विधेयकों को सदन की सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने पर वेंकैया नायडू ने कहा कि जब भी सदन में ऐसे मामलों पर मतभेद बने रहते हैं तो सदन सामूहिक रूप से फैसला लेता है और सभापीठ इसके लिए मजबूर नहीं कर सकता.

बता दें कि राज्यसभा में बुधवार को मंगलवार की घटना को लेकर वेंकैया नायडू ने दुख जताया था. उन्होंने कहा कि उस घटना से उन्हें काफी वेदना पहुंची है, जिसकी वजह से वे रातभर सो नहीं सके. हंगामे के बारे में जिक्र करते हुए वेंकैया नायडू भावुक भी हो गए थ. उन्होंने कहा था कि सदन में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. जब कुछ सदस्य टेबल पर आए तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और मैं पूरी रात नहीं सो पाया. इसके बाद से ही माना जा रहा था कि सदन में इस हंगामे के बाद राज्यसभा के सभापति कोई कार्रवाई कर सकते हैं.

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