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टिकैत ने केंद्र को कानून वापस लेने के लिए दिया 2 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम, कहा- ये जन आंदोलन है

किसानों आंदोलन पर राजनीति किए जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि इसमें राजनीति वाले कहां हैं? यहां कोई नहीं आ रहा है. ये जन आंदोलन है. रोटी तिजोरी में बंद न हो, ये उसका आंदोलन है. हम कहीं नहीं जा रहे हैं. हम 2 अक्टबूर तक यहां बैठेंगे.

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 भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (फोटो-PTI)
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कृषि कानून के खिलाफ किसानों का चक्का जाम
  • राकेश टिकैत बोले-शांति से चल रहा है प्रदर्शन
  • अक्टूबर तक आंदोलन चलने की बात कही

कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों ने चक्का जाम किया. यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर देश के बाकी राज्यों में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम का आह्वान किया गया था. इसका असर भी दिखा. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा के कई हिस्सों में किसानों ने चक्का जाम किया. 

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गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में किसानों का चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से चला. उन्होंने कहा कि देश की मिट्टी से किसानों को जोड़ेंगे. नए युग का जन्म होगा. किसानों आंदोलन पर राजनीति किए जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि इसमें राजनीति वाले कहां हैं? यहां कोई नहीं आ रहा है. ये जन आंदोलन है. रोटी तिजोरी में बंद न हो, ये उसका आंदोलन है. हम कहीं नहीं जा रहे हैं. हम 2 अक्टबूर तक यहां बैठेंगे.

उन्होंने कहा कि किसानों ने केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए 2 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद अगले कदम को लेकर निर्णय लिया जाएगा. टिकैत ने यह भी कहा कि हम किसी भी नेता से फोन पर बात करना नहीं चाहते. जब सरकार हमारी तीन मांगों को लेकर कोई निर्णय कर ले तब वे हमारे सरपंच से हाल में हुई बातचीत की तरह संपर्क कर सकती है. उन्होंने कहा कि हम इसे देशव्यापी आंदोलन बनाएंगे. हम कई गांव और पंचायतों में जाएंगे.

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यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम क्यों नहीं? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें ऐसी सूचना मिली थी कि यूपी और उत्तराखंड में कुछ शरारती तत्व हंगामा करने वाले हैं, इसलिए इन दोनों राज्यों में चक्का जाम नहीं करने का फैसला किया गया.

बहरहाल, दिल्ली से सटे शाहजहांपुर, सिंघु, गाजीपुर, टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन चल रहा है. चक्का जाम के दौरान प्रदर्शनकारियों ने शाहजहांपुर सीमा (राजस्थान-हरियाणा) के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया. वहीं, हरियाणा के पलवल के पास अटोहन चौक पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया.

चक्का जाम के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे. दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर करीब 50 हजार जवानों की तैनाती की गई थी, ताकि 26 जनवरी जैसे हालात पैदा न हो सकें.

 

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