देश में जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर कुछ कमज़ोर पड़ने लगी है वैसे ही किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज़ हो रहा है. किसान संगठनों द्वारा एक बार फिर दिल्ली कूच की बात कही गई है. इसके लिए दिल्ली-यूपी की सीमाओं पर गुरुवार रात से ही ट्रैक्टरों का आना जारी है. शुक्रवार को यहां पर ट्रैक्टर मार्च की रिहर्सल भी की गई.
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि ये रिहर्सल इसलिए हो रही है कि 26 तारीख नजदीक है, किसान 26 तारीख को कभी नहीं भूलेगा. हर महीने 26 तारीख आएगी, किसान ट्रैक्टरों की रिहर्सल करेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर दिल्ली का रास्ता न भूल जाएं इसलिए इनकी रिहर्सल करनी पड़ती है. हमें उम्मीद है कि सरकार बात करेगी. नहीं बातचीत करेगी तो अगला कदम उठाएंगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक भारत सरकार कानून वापस नहीं लेगी और MSP पर कानून नहीं बनाएगी.
बता दें कि पिछले करीब आठ महीने से राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा है. अब एक बार फिर आंदोलन को हवा दी जा रही है. गुरुवार रात से ही मेरठ के सिवाय टोल प्लाज़ा पर किसानों का पहुंचना जारी रहा, यहां से किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले साल से ही किसानों का जमावड़ा है. किसान लगातार जिद पर अड़े हैं कि जबतक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं, तबतक वो अड़े रहेंगे.
किसानों और सरकार के बीच अबतक कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन पिछले लंबे वक्त से कोई बातचीत नहीं हुई है. बीते दिनों भी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, हालांकि कानून वापस नहीं होंगे.