सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मंच के पास हुई शख्स की हत्या का विवाद बढ़ गया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घटना को दुखद बताया है. उन्होंने कहा है कि जो भी सच होगा, वह पुलिस की जांच में सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि शख्स की हत्या का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.
आजतक से खास बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''यह दुखद घटना है. पुलिस प्रशासन जांच कर रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर दिया है. हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है. जो भी है, वह जांच में सामने आ जाएगा.'' उन्होंने आगे कहा कि कोई भी घटना हुई है तो कानून अपना काम करेगा. इस पूरे मामले की निंदा करते हैं. जांच में सामने आ जाएगा कि क्या घटनाक्रम हुआ है.
बर्बरतापूर्वक हुई हत्या को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने भी बयान जारी किया है. मोर्चे ने कहा है कि इस कत्ल की जिम्मेदारी निहंग समूह ने ली है. एसकेएम के अनुसार, निहंगों ने कहा है कि उस व्यक्ति (मृतक लखबीर सिंह) द्वारा सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की गई थी, जिसके कारण ऐसा किया गया. किसान मोर्चा का दावा है कि मृतक कुछ वक्त से निहंगों के साथ ही रहकर सेवादारी कर रहा था.
बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास से एक शख्स का शव बरामद हुआ था. शख्स का हाथ काटकर शव को बैरिकेड से लटकाया गया था. मृतक की पहचान लखबीर सिंह के रूप में हुई है. उनके पिता का नाम दर्शन सिंह था लेकिन 6 महीने की उम्र में फूफा हरनाम सिंह ने लखबीर सिंह को गोद ले लिया था. लखबीर सिंह पेशे से मजदूर थे और उनकी उम्र 35-36 साल थी. SC जाति के लखबीर सिंह तरन-तारान जिले के चीमा खुर्द गांव के रहने वाले थे.
निहंग और किसान प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर पुलिस पर भी कर चुके हैं जानलेवा हमला
पहला मामला-
21 जनवरी को सिंघु बॉर्डर के पास अलीपुर इलाके में प्रदर्शन के दौरान अलीपुर के पूर्व एसएचओ प्रदीप पालीवाल पर निहंगों के साथ रहने वाले युवक रंजीत सिंह (25) ने तलवार से हमला कर दिया था. तलवार उनकी गर्दन पर लगने से बाल-बाल बची थी. खुद अपने हाथ से बचाने की वजह से तलवार उनके हाथ पर जा लगी थी, जिससे उनके हाथ पर गहरा जख्म हुआ था. पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 323, 353, 307, 147, 148, 149, 152 और 186 क तहत अलीपुर थाने में केस दर्ज किया था. जिस समय हमला हुआ था उस समय प्रदीप पालीवाल अलीपुर थाने के SHO थे. पुलिस ने इस मामले में मौके से तलवार से हमला करने वाले रंजीत सिंह को गिरफ्तार किया था, जहां बाद में उसे बेल मिल गई थी. अभी मामला कोर्ट में चल रहा है.
दूसरा मामला-
16 फरवरी को सिंघु बॉर्डर अलीपुर इलाके से एक निहंग हरप्रीत सिंह एक पुलिस स्टाफ की कार छीनकर भाग रहा था. जब ये वारदात होती हुई दिल्ली के समयपुर बादली थाने के पूर्व SHO आशीष दुबे ने देखी तो करीब सात किलोमीटर पीछा करने के बाद जब उसको पकड़ा तो उसने तलवार से आशीष दुबे पर हमला किया. गर्दन पर मामूली चोट आई, लेकिन हमले में बाल-बाल बच गए थे. इसमें निहंग हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया था, जिस पर आईपीसी की धारा 392, 394 और 397 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जो अब बेल पर है.