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कृषि कानून: संयुक्त किसान मोर्चा की आज अहम बैठक, राकेश टिकैत शामिल नहीं

राकेश टिकैत लखनऊ में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जाएंगे इसकी वजह से वे एसकेएम की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं.

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राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 29 नवंबर तक के कार्यक्रमों में नहीं होगी तब्दीली- टिकैत
  • कहा- सरकार ने की है पहल, इसे आगे की ओर ले जाना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर आंदोलन कर रहे किसानों से अपने घर, अपने खेत में लौटने की अपील की थी. पीएम की अपील पर राकेश टिकैत ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा कि हम कब घर लौटेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की आज बैठक हो रही है जिसमें आंदोलन की दशा और दिशा पर फैसला होगा. सबकी नजरें इस बैठक पर टिकी हैं लेकिन इसमें किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत शामिल नहीं हो रहे हैं.

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जानकारी के मुताबिक, राकेश टिकैत लखनऊ में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जाएंगे इसकी वजह से वे एसकेएम की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. एसकेएम की इस बैठक में सभी संगठनों के नेता शामिल हो रहे हैं. लखनऊ रवाना होने से पहले आजतक से बात करते हुए राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि 29 नवंबर तक निर्धारित कार्यक्रमों में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा.

राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार की ओर से कानून वापस लिए जाने के ऐलान को लेकर कहा कि सरकार ने पहल की है और अब इस पहल को अगले कदम की ओर ले जाना है. इसका हल साथ बैठकर सिर्फ बातचीत के जरिए ही हो सकता है. अब बातचीत होगी. सरकार के साथ किन मुद्दों पर बातचीत होगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि एमएसपी का मुद्दा तो अहम होगा ही, कई अन्य मुद्दे भी हैं.

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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं, इसे लेकर भी बात होगी. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि सरकार अब समाधान की दिशा में है. दिल्ली में बैठक होगी. सरकार चाहे तो किसानों के बीच भी बातचीत की जा सकती है.

बताया लखनऊ महापंचायत का एजेंडा

लखनऊ में होने वाली महापंचायत को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि इसमें कई मसलों पर बात होगी. सबसे बड़ा मुद्दा वहां एमएसपी है. उन्होंने कहा कि सरकार कई और कानून ला रही है. उसे लेकर भी चर्चा होगी. टिकैत ने साथ ही ये भी साफ किया कि 29 नवंबर को संसद मार्च का ऐलान किया गया था. इस कार्यक्रम में भी किसी तरह की तब्दीली नहीं की गई है. गौरतलब है कि किसान आंदोलन को 26 नवंबर के दिन एक साल पूरे हो रहे हैं.

 

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