नेपाल में राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित रामचंद्र पौडेल ने सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. राष्ट्रपति के सरकारी आवास शीतल निवास में आयोजित विशेष समारोह में पौडेल ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली. सर्वोच्च अदालत के कार्यवाहक प्रधान न्यायाधीश हरिकृष्ण कार्की ने पौडेल को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. पौडेल देश के तीसरे राष्ट्रपति बने हैं.
पिछले हफ्ते हुए राष्ट्रपति के चुनाव में रामचंद्र पौडेल ने अपने प्रतिद्वंद्वी सुवास नेम्बांग को पराजित किया था. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पौडेल को सत्तारूढ़ गठबंधन दलों का समर्थन था. दो महीने पहले कम्युनिस्ट दलों को मिलाकर बने गठबंधन को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ने विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के उम्मीद्वार को समर्थन किया था. इसी घटना के बाद प्रचण्ड ने के पी ओली के साथ गठबंधन तोड़ दिया था.
वैसे तो नेपाल में भी राष्ट्रपति का पद संविधान में आलांकारिक ही है पर राजनीतिक अस्थिरता के बीच राष्ट्रपति का महत्व काफी बढ जाता है. निवर्तमान राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी ने कई मौकों पर अपने विशेषाधिकार का प्रयोग किया जिसके कारण उनकी काफी आलोचना हुई थी.
शपथ के दौरान प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल, स्पीकर देव राज घिमिरे, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष गणेश प्रसाद तिमिल्सिना के अलावा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पौडेल बृहस्पतिवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के सुबास चंद्र नेमबांग को हराकर देश के राष्ट्रपति चुने गए थे.
पौडेल को आठ राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. पौडेल को 52,628 में से 33,802 जबकि नेमबांग को 15,518 वोट मिले. पूर्व स्पीकर और कई बार मंत्री रह चुके पौडेल ने देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने के लिए एक लंबी राजनीतिक यात्रा की है. उन्होंने एक दशक से अधिक समय जेल में बिताया. वह छह बार विधायक, पांच बार मंत्री और एक कार्यकाल के लिए स्पीकर रहे.
वर्ष 2008 में देश को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव था. पौडेल ने विद्या देवी भंडारी का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो गया था.