अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले यजमान महेश भागचंदका का कहना है कि राम मंदिर परिसर जाते ही मेरा रोम-रोम खड़ा हो जाता है.
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन सनातन के लिए गर्व की बात है. जब मैं यजमान के तौर पर मंदिर परिसर जाता हूं तो मेरा रोम-रोम खड़ा हो जाता है. रामलला की मूर्ति को देखकर सामने से लगता है कि वह मुझे गला लगा लें.
यजमान महेश भागचंदका ने कहा कि कल परिसर में देवी-देवताओं का आह्वान हुआ था. आज राम के परिवार के लोगों का आह्वान किया गया, मंदिर का भ्रमण किया गया और हवन किया गया. आज वास्तुपूजा और वास्तु हवन और राम दरबार का पूजन हुआ. कल मुख्य संकल्प लिया गया था और सारे देवी देवताओं का आवाहन हुआ था.
उन्होंने कहा कि राम मंदिर परिसर में मौजूद रहने की अनुभूति पर कहा कि ऐसा लग रहा था कोई सुपर एनर्जी है. इस स्थान को लेकर अशोक सिंघल कहते थे कि लोग वेटिकन सिटी की बात सुनते हैं और एक दौर आएगा लोग अयोध्या से उठी हर बात को सुनेंगे.
51 इंच है मूर्ति की उंचाई
मूर्ति की उंचाई 51 इंच है. जबकि पुष्प के साथ मूर्ति की ऊंचा 8 फीट हो जाएगी. मूर्ति को कृष्ण शिला से तैयार किया गया है. बता दें कि 19 जनवरी से अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन भी बंद हो गए हैं. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद नए मंदिर में 23 जनवरी से श्रद्धालुओं को दर्शन मिलेंगे.
रामलला गर्भगृह में विराजमान हुए
बता दें कि गुरुवार को जब रामलला को गर्भगृह में स्थापित किया गया था, तब प्रतिमा कपड़ों से ढकी हुई थी. फिर देर रात दूसरी तस्वीर सामने आई, जिसमें रामलला की मूर्ति पर आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी, इस पट्टी को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हटाया जाएगा.
पुरानी मूर्ति को नए मंदिर में रखा जाएगा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि रामलला की मूर्ति जो वर्तमान में अस्थायी मंदिर में है, उसे भी नए मंदिर में उसी स्थान पर रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम की पूजा के बाद पुरानी मूर्ति को नए मंदिर में रखा जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद ही लोग दोनों मूर्तियों की पूजा कर पाएंगे. सत्येंद्र दास ने कहा कि दोनों मूर्तियां गर्भगृह में होंगी. अगर पुरानी मूर्ति सिंहासन के साथ गर्भगृह में जाएगी तो नई मूर्ति के बगल में रखा जाएगा, अगर सिंहासन नहीं होगा तो छोटी मूर्ति को सामने रखा जाएगा.